शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को लीगल नोटिस भेजा है। सुखबीर बादल ने सीएम भगवंत मान को प्रकाश सिंह बादल के ऊपर निजी टिप्पणी करने पर माफी मांगने के लिए कहा था। अगर वह ऐसा नहीं करते को उनके खिलाफ लीगल नोटिस भेजा जाएगा।
उन्होंने सीएम मान को चेतवानी दी थी कि अगर वह इस मामले में माफी नहीं मांगते तो वह जल्द उनको लीगल नोटिस भेजेगे। इसी के तहत आज उन्होंने सीएम मान को लीगल नोटिस भेज दिया है।
सुखबीर बादल ने आरोप लगाया है कि सीएम मान की तरफ से 2 बातें पर्सनल अटैक थी, यह पूरी तरह से झूठी हैं। हाल ही में सुखबीर बादल ने वीडियो जारी कर कहा था कि सीएम मान ने बीते दिनों एक ड्रामा किया, जिसे डिबेट नाम दिया गया। वहां कर्फ्यू लगा दिया गया।
सभी को पता था कि ये ड्रामा है, इसीलिए सभी पार्टियों ने उसका बायकॉट किया। सीएम मान का मकसद झूठ बोलना था। उसने इसके लिए 30 करोड़ रुपए खर्च किए थे और वे उसे लाइव दिखाना चाहता था। सीएम मान ने इस दौरान सिर्फ अपनी स्पीच दिखानी थी और बाकियों को कट कर देना था।
इस दौरान सुखबीर बादल ने कहा कि इस ड्रामे में सीएम मान ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस डिबेट पर सीएम मान ने बादल परिवार पर 2 निजी हमले किए हैं। उन्होंने कहा कि बादल परिवार की जमीन बालासर फॉर्म है। जहां एक नहर निकाली गई, बादल परिवार के खेत के लिए।
सुखबीर बादल ने कहा था कि सीएम मान, बता देना चाहता हूं कि देवी लाल पहली बार मुख्यमंत्री 1977 में बने थे। ये जो नहर निकाली गई, इसका काम 1955 में शुरू हुआ था। सुखबीर बादल ने कहा था कि जब भाखड़ा नहर बनाई थी, तब पंजाब हरियाणा अलग नहीं थे और जॉइंट पंजाब था। भाखड़ा नहर से इलाकों में पानी पहुंचाने तक पंजुआना ब्रांच निकाली गई।
जिसमें से ये बालासर ब्रांच निकली थी। इंतकाल की कॉपी दिखाते हुए सुखबीर ने कहा कि 12 मार्च 1964 में ये ब्रांच निकाली गई और देवी लाल सीएम 1977 में बने थे। अब अगर सीएम मान कहेंगे कि बालासर जमीन भी देवी लाल ने दी होगी, लेकिन कहना चाहता हूं कि ये जमीन बादल साहिब के नानका परिवार से मिली थी।
इस दौरान सुखबीर बादल ने SYL के बदले गुरुग्राम में होटल लेने की बात का भी खंडन किया था। उन्होंने कहा कि SYL नहर का काम ज्ञानी जैल सिंह के समय 1976 में शुरू हुआ था। वहीं, 1989 में उन्होंने हरियाणा की इंडस्ट्रियल पॉलिसी स्कीम के अनाउंस होने पर होटल बनाने के लिए अप्लाई किया था। इसके लिए उन्होंने 1989 का अलॉटमेंट लैटर भी दिखाया। वहीं, सुखबीर ने कहा कि इस अलॉटमेंट के 7 साल पहले 1982 में प्रकाश सिंह बादल की तरफ से कपूरी मोर्चा शुरू किया गया था।