आजकल की खराब लाइफस्टाइल और डाइट की वजह से लोग कई बीमारियों के चपेट में आ रहे हैं। इन्हीं बीमारियों में पेट से जुड़ी समस्या होना आम है। जिसमे से एक एसिड रिफ्लक्स की समस्या भी है। यह एक लंबे समय का रोग है जो तब होता है जब पेट का एसिड या पित्त खाने की नली में आ जाता है और उसकी अंदरूनी परत में जलन करता है।
वहीं यह समस्या एसिड का ऊपर आना और सीने में जलन एसिड रिफ्लक्स साप्ताहिक आधार पर 3 में से 1 वयस्क को प्रभावित करता है। लेकिन क्या आपको मालूम है जो लोग एसिड रिफ्लक्स का उपचार के लिए जिन दवाइयों का इस्तेमाल कर रहे हैं उससे माइग्रेन का जोखिम बढ़ सकता है।
जी हां हाल ही में एक नई स्टडी में पाया गया है कि एसिड रिफ्लक्स के उपचार से माइग्रेन या गंभीर सिरदर्द का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में आइए इस स्टडी के बारे में विस्तार से जानते हैं साथ ही एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों के के बारे में भी जानेंगे।
क्या है पूरी स्टडी
इस नए स्टडी में शोधकर्ताओं ने एसिड कम करने वाले उपचार लेने वाले लोगों और नहीं लेने वाले लोगों के बीच माइग्रेन या सिरदर्द का अनुभव होने की संभावना की तुलना की। बता दें किइस स्टडी में रिसर्चरस ने सीडीसी द्वारा एकत्र किए गए 1999 से 2004 तक के सर्वे दवारा मिले फीडबैक का विश्लेषण किया।
जिसमें लोगों से पूछा गया कि क्या उन्होंने एसिड रिफ्लक्स उपचार का उपयोग किया है और क्या उन्हें पिछले 3 महीनों में माइग्रेन या गंभीर सिरदर्द का अनुभव हुआ है। शोधकर्ताओं के मुताबिक उन्होंने उन वर्षों के सर्वेक्षण डेटा का उपयोग किया क्योंकि वे एकमात्र ऐसे डेटा थे जिनमें विशिष्ट सिरदर्द और माइग्रेन के प्रश्न शामिल थे।
इस स्टडी में पाया गया कि उपचारों में प्रोटॉन पंप अवरोधक जैसे ओमेप्राज़ोल, एच2 ब्लॉकर्स और एंटासिड सप्लीमेंट शामिल थे। प्रोटॉन-पंप अवरोधक के उपयोग से माइग्रेन या गंभीर सिरदर्द का खतरा 70% बढ़ जाता है, जबकि जेनेरिक एंटासिड का उपयोग 30% बढ़ जाता है।
20% लोगों ने माइग्रेन या गंभीर सिरदर्द की समस्या
स्टडी में शामिल लोगों में से 25% लोगों ने गंभीर सिरदर्द या माइग्रेन की सूचना दी थी जिन्होंने प्रोटॉन पंप अवरोधक या एच2 ब्लॉकर्स लिया था और 22% लोगों ने कहा था कि उन्होंने एंटासिड की खुराक ली थी। एसिड रिफ्लक्स दवा नहीं लेने वाले लगभग 20% लोगों ने माइग्रेन या गंभीर सिरदर्द की शिकायत की।
जानें स्टडी मिले परिणामों के लिए रिसर्चरस टीम का क्या कहना है
कॉलेज पार्क में मैरीलैंड विश्वविद्यालय के पीएचडी अध्ययन लेखक और खाद्य वैज्ञानिक मार्गरेट स्लाविन ने एक रिपोर्ट में कहा कि एसिड कम करने वाली दवाओं के व्यापक उपयोग और माइग्रेन के साथ इन संभावित प्रभावों को देखते हुए इन परिणामों की आगे और जांच करने की आवश्यकता है।
दरअसल इन दवाओं को अक्सर अत्यधिक निर्धारित माना जाता है और नए शोध ने प्रोटॉन पंप अवरोधकों के दीर्घकालिक उपयोग से जुड़े अन्य जोखिमों को दिखाया है जैसे मनोभ्रंश (dementia) का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही उन्होंने लोगों को किसी भी मौजूदा चिकित्सा पद्धति में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
एसिड रिफ्लक्स होने पर नजर आने वाले लक्षण
अपच की समस्या होना
सूखी खांसी होना
गले में खराश की समस्या होना
डिस्पैगिया की समस्या होना
सीने में दर्द व जलन होना