Showing middle finger is considered a wrong gesture : इंटरनेशनल क्रिकेट मैच से लेकर फिल्मों तक और असल जिंदगी में आपने कई बार देखा होगा कि लोग एक दूसरे को मिडिल फिंगर दिखाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों इस मिडिल फिंगर को दिखाना गलत इशारा माना जाता है। दरअसल मिडिल फिंगर का इस्तेमाल यूनान के विख्यात प्राचीन नाटककार अरिस्टोफेनस ने अपने एक नाटक 'द क्लाउड' में हजारों साल पहले किया था। कहा जाता है कि नाटक में भी यह नीचा दिखाने के लिए ही प्रयोग किया गया था। जिस कारण आजतक अंगुलियों की यह मुद्रा एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए प्रचलन में है।
बीच वाली अंगुली को पेनिस के संकेत के तौर पर
इसके अलावा प्राचीन काल में रोमन लोग अंगुलियों की इस मुद्रा को मेल ऑर्गेन के संकेत के तौर पर भी प्रयोग करते थे। इसके लिए उठी हुई बीच वाली अंगुली को पेनिस और अगल-बगल नीचे की ओर झुकी दोनों अंगुलियों को टेस्टिकल्स के संकेत के तौर पर लेते थे।
प्राचीन रोम और यूनान में घृणा के भाव से देखते थे
जानकारी के मुताबिक रोमन साम्राज्य के एक कुख्यात सम्राट को प्राचीन काल में जब अपनी प्रजा को किसी बात पर अपमानित करना होता था, तो वह उसे मिडिल फिंगर चूमने को मजबूर करता था। इससे यह पता चलता है कि प्राचीन रोम और यूनान में मिडिल फिंगर को घृणा के भाव से देखते थे।
कार्रवाई होती है और कई बार फाइन भी लगता है
यही कारण है कि आज मैच से लेकर असल जीवन में जब कोई किसी को मिडिल फिंगर दिखाता है, तो इसका मतलब अपमानित करना माना जाता है। खासकर क्रिकेट मैच में आपने देखा होगा कि खिलाड़ियों के मिडिल फिंगर दिखाने से उनके खिलाफ कार्रवाई होती है और कई बार उनके ऊपर फाइन भी लगता है।
उंगलियों के इशारे दिखाने का तरीका अलग-अलग
बता दें कि हाथ के सभी उंगलियों को दिखाने का तरीका और अर्थ अलग-अलग होते है। इतना ही नहीं हर देश में उंगलियों के इशारे भी अलग-अलग होते हैं। जैसे भारत में पहली उंगली उठाने का मतलब कुछ कहने या ध्यान खींचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन थाइलैंड में दूसरे को ऐसे उंगली दिखाना गंभीर अपराध माना जाता है। वहीं दक्षिण अफ्रीका में भी इसे आक्रामक रुख माना जाता है।