रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इंटरेस्ट रेट में कमी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अभी इंटरेस्ट रेट में कमी करना जल्दबाजी और बहुत रिस्की होगा। इससे दिसंबर में रेपो रेट में कमी की उम्मीद नहीं रह गई है। इस महीने की शुरुआत में आरबीआई ने अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट में कमी नहीं की थी।
जिससे होम लोन और कार लोन सस्ता होने का इंतजार कर रहे लोगों को थोड़ी निराशा हो सकती है। माना जा रहा था कि RBI दिसंबर में अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट घटा सकता है। RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की मीटिंग दिसंबर के पहले हफ्ते में होने वाली है।
एमपीसी (MPC) की बैठक हर दो महीने में एक बार होती है। लेकिन, 18 अक्टूबर को केंद्रीय बैंक के गवर्नर के बयान के बाद दिसंबर में इंटरेस्ट रेट (Interest Rate) घटने की उम्मीद नहीं रह गई है।
महंगाई में कमी आने की संभावना
शक्तिकांत दास ने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान बातचीत में कहा, "फैसले लेने के मामले में हम पीछे नहीं हैं। इंडिया की ग्रोथ स्टोरी पर किसी तरह का असर नहीं पड़ा है। इंडिया की ग्रोथ 7.2 फीसदी रहेगी। ग्रोथ जारी है, इनफ्लेशन (महंगाई) में भी कमी आ रही है, हालांकि कुछ रिस्क हैं। इसलिए अभी इंटरेस्ट रेट में कमी जल्दबाजी और बहुत-बहुत रिस्की होगी। उन्होंने कहा कि इनफ्लेशन में कमी आने की संभावना है, लेकिन इसके आउटलुक को लेकर कुछ 'बड़े रिस्क' हैं।
आपको बता दें कि RBI ने अक्टूबर की शुरुआत में पेश अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट में बदलाव नहीं किया था, लेकिन उसने मॉनेटरी पॉलिसी को लेकर अपने रुख में बदलाव किया था। अपने रुख को विड्रॉल ऑफ एकॉमोडेशन से बदलकर न्यूट्रल कर दिया था। गवर्नर शक्कितकांत दास ने पहले ही यह साफ कर दिया था कि उनका फोकस रिटेल इनप्लेशन को कंट्रोल में लाने पर बना रहेगा।
10वीं बार इंटरेस्ट रेट में कोई बदलाव नहीं
दास ने पहले कहा था कि इंटरेस्ट रेट में कमी करने से पहले वह इंडियन इकोनॉमी की स्थिति को ध्यान में रखेंगे। सितंबर में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने इंटरेस्ट रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की थी। इसके बाद माना जा रहा था कि इंडिया सहित दूसरे देशों के केंद्रीय बैंक भी इंटरेस्ट रेट में कमी करेंगे। लेकिन, इस महीने की शुरुआत में पेश अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में आरबीआई ने लगातार 10वीं बर इंटरेस्ट रेट में बदलाव नहीं किया।
क्या होता हैं इंटरेस्ट रेट?
ब्याज दर या इंटरेस्ट रेट का मतलब है, ऋणदाता द्वारा मूल राशि पर लगाया जाने वाला प्रतिशत शुल्क(Tax)। इटरेस्ट रेट, उधार ली गई राशि पर कुल ब्याज को तय करती है। ब्याज दरें अलग-अलग अवधियों के लिए लागू होती हैं, जैसे कि एक महीने या एक दिन, लेकिन आम तौर पर वार्षिकीकृत (Annualized) होती हैं।