पंजाब में कांग्रेस के सीनियर नेता व पूर्व विधायक सुखविंदर सिंह डैनी ने फरीदकोट लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया। उन्होंने पार्टी से टिकट के लिए पेश की गई दावेदारी भी वापस ले ली है।
सुखविंदर डैनी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि चरणजीत सिंह चन्नी मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि वाल्मिकी/मजहबी सिख समाज को आपको वोट या समर्थन क्यों देना चाहिए? जब आपके समुदाय के सदस्यों ने सबसे ज्यादा होने के बावजूद मजहबी सिख/वाल्मीकि समाज (मेरे समुदाय को 1975 में प्रदान किए गए 25% कुल एससी आरक्षण का 12.5%) के आरक्षण अधिकारों को छीनने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय में मामला दायर किया है। दलित और पीड़ित वर्ग को आरक्षण की सबसे ज्यादा जरूरत किसे है?
चन्नी पंजाब के जब मुख्यमंत्री बने थे तब मजभी सिख समुदाय, जो संख्यात्मक रूप से पंजाब का सबसे बड़ा एससी समुदाय (कुल एससी आबादी का 31.6%) है, को अपने मंत्रिमंडल से बाहर रखने के लिए अपने रास्ते से हट गए।
उन्होंने लिखा कि चन्नी, एक लोकतांत्रिक प्रतियोगिता में आप मेरे "समाज" के प्रति उत्तरदायी और जवाबदेह हैं। मैं अपनी पूरी ताकत और शालीनता के साथ अपने समुदाय के साथ खड़ा हूं और अपने मजहबी और वाल्मिकी समाज की आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को अंधकारमय करने के इस अंधेरे और गंभीर कदम के विरोध में हूं; मैं फरीदकोट से चुनाव नहीं लड़ना चाहता और मैंने पार्टी से अपना आवेदन वापस लेने का अनुरोध किया है।
वड़िंग से हुई चैट का स्क्रीन शॉट किया शेयर
बता दें कि वह वाल्मीकि व मजहबी समुदाय से जुड़े मामले हल न होने से निराश है। वहीं, उन्होंने पूर्व सीएम व जालंधर से पार्टी के उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी से भी अपनी नाराजगी जताई है। इस संबंधी उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट डाली है। इसमें उन्होंने सारी वजह भी बताई है। वहीं वड़िंग से हुई चैट का स्क्रीन शॉट भी शेयर किया है।