संयुक्त किसान मोर्चा की कॉल पर दिल्ली जंतर मंतर धरना प्रदर्शन के लिए 13 फरवरी तारीख निर्धारित की गई थी। जिसको लेकर किसानों के साथ एक दिन पहले केंद्र सरकार ने मीटिंग तो की लेकिन बेनतीजा रही।
किसान नेताओं का कहना है कि इतिहास में यह उनका दूसरा बड़ा आंदोलन है जिसमें हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं। सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन के दौरान 13 महीनों में 700 से अधिक किसानों की मौतें हुई थी और अब केंद्र सरकार किसानों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
घग्गर नदी पार करते ही पुलिस ने आंसू गैस के गोले
जैसे ही किसान घग्गर दरिया के पुल पर पहुंचे और पत्थर के बेरीगैड हटाने की कोशिश की तो पुलिस की तरफ से लगातार आंसू गैस के गोले फेंकने शुरू किए गए और इस दौरान काफी किसानों ने घग्गर नदी किसी तरीके से पार की तो दूसरी तरफ खड़े मिलिट्री फोर्स के जवानों ने उन पर फायर किए लेकिन यह गोलियां प्लास्टिक की थी।
आंसू गैस के गोले फेंके गए, लाठीचार्ज भी किया गया
आंसू गैस से दर्जन से अधिक किसान घायल भी है। जिन्हें एंबुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया। करीब 2 घंटे तक लगातार आंसू गैस के गोले बॉर्डर के दूसरी तरफ से आते रहे। लेकिन किसानों ने पीछे की तरफ मुड़कर नहीं देखा और मिलिट्री फोर्स के पास जाकर नारेबाजी शुरू कर दी। इसी के साथ फोर्स की तरफ से किसानों पर लाठीचार्ज भी किया गया।
किसानों ने फेंके बैरीकेड्स
शंभू बॉर्डर से लेकर राजपुरा तक हाईवे पर किसानों की ट्रालियां नजर आ रही है। 5 किलोमीटर तक किसानों का लंबा काफिला है। वहीं किसानों की तरफ से हरियाणा सरकार की तरफ से लगाए बैरीकेड्स और कीलें उखाड़ कर फेंक दी गई है।
किसानों के इस आंदोलन में हरियाणा प्रशासन की तरफ से आर्डर जारी किए गए थे कि किसी भी हालत में किसानों को घग्गर दरिया पार नहीं करने देना है। वहीं हरियाणा के किसानों का कहना है कैसे क्रॉस करके हरियाणा की सरहद में आ जाओ वहां पर आपको पूरी सुरक्षा दी जाएगी और दिल्ली मिलकर कूच करेंगे।