Science Rejecting The Idea Taking Revenge : सांपों को लेकर तमाम बातें सैकड़ों सालों से कही जाती रही हैं कि अमुक व्यक्ति को नागिन ने काट कर बदला लिया, क्योंकि उसने नाग को मारा था. पर क्या विज्ञान इन बातों को मानता है? इसकी इस मामले में क्या दलीले हैं? यह जानना रोचक है क्या नाग के मरने पर नागिन उसके हत्यारे को याद रख कर ताजन्म उसका पीछा करती है. हम सभी ने कई बार ये बात सुनी है कि अगर किसी ने किसी नाग या नागिन को मारा तो उनका पार्टनर हमलावर बदला जरूर लेता है, उसको छोड़ता नहीं. जब भी मौका मिलता है तब उसको डसता जरूर है. लंबे समय से ये बात मानी जाती रही है. कितनी होती है सांपों की मेमोरी. हालांकि विज्ञान इसे कोरी कल्पना करार देता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि सांपों में, चाहे नाग हो या नागिन, मेमोरी यानि याददाश्त नहीं होती. ना ही सापों की आंखों में, उसे मारने वाले की तस्वीर कैद हो सकती है. साइंस इसे पूरी तरह से अतार्किक मानती है।
सांप बदला लेने वाले जानवरों में से नहीं
वैज्ञानिक स्पष्ट तौर पर कहते हैं कि सांप बदला लेने वाले जानवरों में से नहीं है. उसके पास इतनी बुद्धि ही नहीं होती है कि लोगों और जगहों को याद रख सके, जो बदला लेने के लिए जरूरी होता है. किस्से कहानियों और यहां तक कि फिल्मों तक में नाग-नागिन के प्रतिशोध लेने की बात को विज्ञान खारिज कर देता है।
प्रेम कहानियां भी कल्पनाओं की उपज
नाग नागिन की प्रेम कहानियां भी कल्पनाओं की उपज ज्यादा है. वे जन्म-जन्म के साथी नहीं होते. एक तो पुनर्जन्म को ही वैज्ञानिक सिरे से नकारते हैं. वहीं सांपों का एक सच ये भी है कि वो खुद एक ही जोड़े में जीवनभर नहीं रहते. वा एक से अधिक साथी के साथ जोड़े बनाते हैं. मादा सांप भी एक से अधिक नरों से मिलाप करती है।
सांप तभी काटते हैं जब सामने खतरा है
इसमें कोई शक नहीं कि सांपों का जहर जानलेवा होता है. लेकिन यह भी सच है कि सांप आक्रामक जानवर तभी होता है जब उसे किसी तरह का खतरा महसूस होता है. सांप आमतौर पर इंसान को काटते ही नहीं, तभी काटते हैं जब उन्हें लगता है कि सामने खतरा है और इसका इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है कि सामने इंसान है या दूसरा जानवर।
आप खतरा नहीं हैं तो कभी नहीं काटेगा
जानकार लोग सांप के सामने आते ही उसे निकल जाने देते हैं. साफ है कि सांप को आप अगर अहसास दिला दें कि आप उसके लिए खतरा नहीं हैं तो वह आपको नहीं काटेगा. वह कभी पीछा नहीं करता है. हकीकत तो यह है इंसान खुद डर उसका पीछा कर उसे मारता है जिससे वह फिर दिखाई ना दे।
अद्भुत क्षमता का जीव होना संभव नहीं
सांप को लेकर अफवाहें भी रोचक होती हैं. इसमें एक बहुत बड़ी प्रचलित अफवाह है इच्छाधारी सांप की. विज्ञान ना केवल यह दावा करता है कि ऐसा नहीं होता है. बल्कि इसकी भी कोई संभावना नहीं होती है कि कोई जीव दूसरा रूप धारण कर सके. इस तरह की अद्भुत क्षमता वाला जीव होना संभव ही नहीं है।
इंसान भी सांप से डरता है और सांप भी
हकीकत यह है कि सांपों के बारे में जितनी भी धारणाएं है उनका आधार डर है. बचपन में बच्चों को तर्क से समझाने की जगह उन्हें डरावनी कहानियां सुना दी जाती थीं जिससे वे ऐसी जगह जाने से बचें जहां सांप हो सकता है. सच यह है कि इंसान भी सांप से डरता है और सांप भी इंसान से डरता है।
प्रकृति ने बचाव को दी डसने की क्षमता
विज्ञान साफ कहता है कि सांप एक सामान्य जानवर है जिसमें प्रकृति ने जहर से डसने की क्षमता उससे बचाव के लिए दी है. यह भी एक बहुत ही सामान्य बात है. किसी जानवर के पासा रक्षा के लिए तीखे नाखून हैं तो किसी के पास काटने के लिए नुकीले दांत. लेकिन सांप के जहर को लेकर अज्ञानता और भ्रांतियों ने एक अलग ही संसार रच डाला है।