Scary pictures of deluge from Bihar and 7 big dams broken, flood alert in 22 districts : पड़ोसी देश नेपाल में हुई भारी बारिश के बाद बिहार की नदियां उफान पर है। कोसी, गंडक और बागमती का पानी रौद्र रूप बनकर लोगों को डरा रहा है तो उत्तर बिहार से आ रही जल प्रलय की डरा देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं कि हालात कितने विकराल हैं। खासकर बिहार के जो इलाके नेपाल से लगते हैं वहां लोगों की जिंदगी खतरे में है। उत्तर बिहार में हालात आउट ऑफ कंट्रोल है। नेपाल से लगते जिलो में हालात और भी ज्यादा खराब है। बिहार में बाढ़ से अबतक 3 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। दरभंगा में कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध टूटने के बाद आस पास के इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। दरभंगा, सीतामढ़ी, सुपौल, सहरसा, मुजफ्फरपुर में नदियां आउट ऑफ कंट्रोल हो गई हैं। इस वक्त बिहार के 22 जिलों में बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
दरभंगा के किरतपुर में टूटा तटबंध
नेपाल में आई मूसलाधार मुसीबत का कहर बिहार पर इस कदर बरपा है कि दर्जनों छोटी-बड़ी नदियां अपने किनारे छोड़ चुकी हैं। अबतक बिहार के 7 बड़े बांध टूट चुके हैं तो बांध टूटने का सबसे ताजा मामला दरभंगा के किरतपुर का है जहां भभौल गांव में कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध टूट गया है। तटबंध के टूटने से किरतपुर प्रखंड और घनश्यामपुर प्रखंड में बाढ़ के पानी से तबाही मची हुई है।
बाढ़ पीड़ितों के बीच सियासी नेता
नदी किनारा तोड़कर अपना दायरा बढ़ा रही है। पानी का वेग सड़कों को काटकर रास्ता बना रहा है। किरतपुर में बाढ़ ने कहर बरपाया तो बांध टूटने के बाद जिन लोगों के आशियाने उजड़ गए वो अब सड़क किनारे रहने को मजबूर हैं। बाढ़ की चपेट में आकर जो लोग बेघर हो गए हैं, उनके बीच अब नेताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। सांसद पप्पू यादव बाइक लेकर बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने पहुंचे। आरजेडी के नेता भी बांध पर शरण लिए लोगों के बीच पहुंच रहे हैं।
बिहार के ये जिले हाई अलर्ट पर
गंडक और कोसी बैराज से 10.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद बिहार के कई जिले हाई अलर्ट पर हैं, तटबंधों पर दबाव बढ़ा है। इसकी वजह से कई जगहों पर तटबंध टूट भी गए हैं। बेतिया, मोतिहारी, गोपालगंज, सारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढी, शिवहर, समस्तीपुर, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, भागलपुर को हाई अलर्ट पर रखा गया है। बाढ़ से 16 लाख से ज्यादा लोगों पर असर पड़ने की संभावनाएं हैं।
उत्तरी बिहार सीमा नेपाल से
बिहार में हर साल ही बाढ़ आती है, खासकर उत्तरी बिहार में, जहां 19 जिले पड़ते हैं। उत्तरी बिहार की सीमा नेपाल से लगती है। बिहार में कई सारी नदियां हैं जो बाढ़ का कारण बनती हैं। गंगा नदी उत्तराखंड में हिमालय से निकलती है और उत्तर प्रदेश में बहती हुई बक्सर जिले से बिहार में आती है। कमला और बागमती नेपाल से निकलती है। गंडक नदी तिब्बत से जबकि कोसी हिमालय से निकलती है। बिहार में 36 हजार वर्ग किलोमीटर से ज्यादा इलाके में नदियां फैली हुई हैं।
पहाड़ से मैदान तक हाहाकार
नेपाल से बिहार में तबाही आ रही है लेकिन नेपाल में भी सिचुएशन आउट ऑफ कंट्रोल है। नेपाल में काठमांडू टू ललितपुर सिर्फ और सिर्फ तबाही का मंजर है। बाढ़ और भूस्खलन की वजह से नेपाल में दो दिन में करीब 200 लोगों की मौत हो गई है। करीब 50 से ज्यादा लोग लापता हैं। पूर्वी और मध्य नेपाल के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए हैं। नेपाल के करीब 56 जिलों में बाढ़ और लैंडस्लाइड का हाई अलर्ट है। नेपाल में अगले कुछ दिन बेहद सेंसेटिव हैं और जब तक नेपाल में हालात सामान्य नहीं हो जाते, उत्तर बिहार पर बाढ़ का खतरा मंडराता रहेगा।