हर साल दिल का दौरा पड़ने से लाखों लोगों की मौत हो जाती है। ऐसे में यदि समय रहते दिल का दौरा पड़ने वाले व्यक्ति को बेसिक लाइफ सपोर्ट दिया जाये तो उसकी जान बच सकती है। इस बारे में राज्य सभा के आम आदमी पार्टी के सांसद संत सीचेवाल ने राज्यसभा में आवाज उठाई। दरअसल केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल के संसद के आखिरी सत्र में उठाए मुद्दे चर्चा का विषय बने।
बता दें जालंधर के डॉक्टर मुकेश एक मुहीम चला रहे हैं जिसका नाम बेसिक लाइफ सपोर्ट है। इस मुहीम को गंभीरता से लेते हुए संत सीचेवाल,जो पंजाब के धर्मगुरु और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं, ने संसद में मुद्दा उठाया।
उन्होंने डॉक्टर मुकेश के हवाले से बताया कि जब अचानक हार्ट बीट रुक जाये और शुरुआत के पहले 3 मिनट में बीएलएस दिया जाये तो रोगी की जान बचायी जा सकती है। उन्होंने संसद में ये भी कहा कि हर साल 10 लाख से अधिक मौते हार्ट अटैक आने के कारण होती है। ऐसे में इन मौतों की दर को कम करने के लिए बीएलएस तकनीक की ट्रेनिंग अनिवार्य कर देनी चाहिए। संत सीचेवाल ने सेशन में बात रखी कि एक विशेष रिपोर्ट के मुताबिक देश में हर साल एक करोड़ से अधिक लोगों की जान किसी न किसी बीमारी या फिर अन्य कारण से चली जाती है।
ऐसे में 10 लाख के करीब सिर्फ कार्डिएक अरेस्ट के कारण अपनी जान गवा देते हैं। वहीँ उन्होंने ये भी कहा कि समय रहते इसको कम किया जा सकता है और पेशेंट की जान बच सकती है। उन्होंने ये भी कहा कि इस तकनीक की ट्रेनिंग को स्कूलों और अन्य शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य कर देना चाहिए। वहीँ इसे शिक्षा का हिस्सा भी बना देना चाहिए।
आखिर क्या है बीएलएस
आपको बता दें बीएलएस एक मेडिकल हेल्प है, जो लोगों को अस्पताल पहुंचने से पहले या उन स्थितियों में दी जाती है, जहां चिकित्सा सुविधा तुरंत उपलब्ध नहीं होती है। वहीँ मौके पर पेशेंट को को सीधा लेटाया जाता है, उसकी नब्ज देखि जाती है, गर्दन की नाड़ी, नाक पर हाथ लगा कर देखा जाता है कि उसकी सांसें चल रही हैं।
इसके बाद उसकी छाती खत्म होने व पेट शुरू होने वाली जगह पर अपने एक हाथ की हथेली पर दूसरे हाथ को रख कर उसे प्रेस किया जाता है। एक मिनट में 100 से 120 बार ऐसा करना होता है ।इसके बाद उसे अस्पताल पहुँचाने के लिए कोई दूसरा व्यक्ति अस्पताल में काल कर एम्बुलेंस बुलाता है।
इस टेक्निक को हर किसी को सीखने की जरूरत है, ताकि समय रहते किसी अपने की जान बचायी जा सकती है।