उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के 7572 कर्मचारियों का सितंबर महीने का वेतन रोक दिया गया है। इन कर्मचारियों ने अभी तक अपनी आय का ब्योरा नहीं दिया है। सरकार इस अवधि को पहले भी एक बार बढ़ा चुकी है। निगम ने कहा था कि इंजिनीयर्स और अन्य कार्मिक 15 अगस्त तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा निगमों के ईआरपी पोर्टल पर अपलोड कर दें।
कर्मचारियों ने नहीं दिया संपत्ति ब्यौरा
इसके बाद भी 7572 कर्मचारियों ने संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। ऐसे में कॉर्पोरेशन मैनेजमेंट ने सख्त कदम उठाया है। सभी विद्युत वितरण निगमों के मैनेजिंग डायरेक्टर और डायरेक्टर को निर्देश दिया है कि ब्यौरा नहीं देने वालों का सितंबर महीने का वेतन रोक दिया जाए।
क्या है वजह अभी तक नहीं दिया संपत्ति का ब्यौरा
पावर कार्पोरेशन व विद्युत वितरण निगमों में कार्यरत अभियंता चल- अचल संपत्ति का ब्यौरा देने से कतराते रहते हैं। उन्हें डर रहता है कि कहीं संपत्ति का ब्यौरा सही दे दिया तो उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू हो सकती है। ऐसे में वे विभागीय निर्देश के बाद भी ब्यौरा देने में कतराते है। यही वजह है कि संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कार्पोरेशन प्रबंधन ने 19 जनवरी को ही निर्देश दिया था।
अपने ब्यौरा नहीं देने वाले कर्मचारी
- मध्यांचल विद्युत वितरण निगम 3033
- पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम 1674
- पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम 1669
- दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम 981
- पावर कार्पोरेशन मुख्यालय 170
- कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी 45