अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी 18 महीने बाद एक बार फिर सुर्खियों में है। अडाणी ग्रुप के बाद हिंडनबर्ग ने सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चेयरपर्सन पर गंभीर आरोप लगाए है। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि माधबी पुरी बुच भी अडाणी ग्रुप के साथ मिली हुई हैं।
शनिवार शाम को जारी रिपोर्ट में अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ने कहा है कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने बरमुडा और मॉरिशस के फंड में हिस्सेदारी ली, जो कि टैक्सहैवन देश हैं और इन्हीं दो फंडों का यूज गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडानी ने भी किया था।
SEBI चेयरपर्सन रिपोर्ट को किया खारिज
हालांकि, इन आरोपों पर सफाई देते हुए SEBI चेयरपर्सन ने रविवार को एक स्टेटमेंट जारी कर इन्हें सिरे से खारिज किया। बुच की ओर से कहा गया है कि इन आरोपों में किसी भी तरह की कोई सच्चाई नहीं है। हमारा जीवन और फाइनेंस खुली किताब की तरह है।
बुच ने इन आरोपों गलत बताया है। SEBI चेयरपर्सन ने सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड डिक्लेयर करने की इच्छा व्यक्त की। अपने पति धवल बुच के साथ एक जॉइंट स्टेटमेंट में उन्होंने कहा, हमारा जीवन और फाइनेंसेस एक खुली किताब है।
अडाणी ग्रुप पर आरोपों को लेकर आई चर्चा में
बता दें कि पिछले साल अडाणी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाकर हिंडनबर्ग रिसर्च चर्चा में आई थी। व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के आधार पर हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि बुच और उनके पति की मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड में हिस्सेदारी है।
हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड में कथित तौर पर अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर निवेश किए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल अडाणी ग्रुप के शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया था।
अडाणी ग्रुप ने कहा आरोप मैनिपुलेटिव हैं
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडाणी ग्रुप ने प्रतिक्रिया दी है। अडानी ग्रुप ने रविवार को माधबी बुच पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की कड़ी आलोचना की और कहा कि ये आरोप गलत, नुकसानदायक और मैनिपुलेटिव हैं। समूह ने कहा कि व्यक्तिगत फायदों के लिए हिंडनबर्ग पूर्वाग्रह से भरे निष्कर्ष निकाल रहा है।
बयान में आगे कहा गया है कि अडानी ग्रुप का सेबी चीफ माधबी बुच के साथ कोई संबंध नहीं है और ना ही उनके पति धवल बुच के साथ ग्रुप का कोई संबंध है। अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर समूह को बदनाम करने के लिए अभियान चला रहा है।
हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी कैसे शुरू हुई
हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन (Nathan Anderson) हैं। नाथन ने अमेरिका की कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी (University of Connecticut) से इंटरनेशनल बिजनेस में ग्रेजुएशन करने के बाद नौकरी की तलाश शुरू कर दी थी।
इसके बाद उन्होंने एक डाटा रिसर्च कंपनी में जॉब शुरू की और यहां पर पैसों के इनवेस्टमेंट से जुड़ी रिसर्च का काम किया। नौकरी करते हुए उन्होंने डाटा और शेयर मार्केट की बारीकियों को जाना और उन्हें समझ आ गया कि शेयर मार्केट (Share Market) दुनिया के पूंजीपतियों का सबसे बड़ा अड्डा है।