कपूरथला के गांव कोट करार खां और आसपास के कई गांवों में मंगलवार को जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भारी पुलिस फोर्स के साथ दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस हाईवे के अधीन आती 2.19 किलोमीटर भूमि को कब्जा मुक्त करवाया है।
इस दौरान गांव कोट करार खां के किसानों ने प्रशासन पर खेतों में खड़ी फसल को नष्ट करने के गंभीर आरोप भी लगाए हैं और कहा कि हाईवे के अधीन आती भूमि का मुआवजा भी सरकार ने नहीं दिया है। इस एक्शन के दौरान जिला प्रशासन की तरफ से एसडीएम कपूरथला लाल विश्वास बैंस और एसपी-डी रमनिंदर सिंह भी मौजूद थे।
एसडीएम लाल विश्वास बैंस ने बताया कि साल 2020 में उक्त भूमि का अवार्ड पास हो चुका है और नियमों के अनुसार 6 महीने तक अगर निर्धारित मुआवजा किसान नहीं लेता है, तब भी भूमि सरकार के नाम हो जाती है। वहीं दूसरी तरफ प्रभावित हुए 30-35 किसानों के समर्थन में किसान संगठन के लोगों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है, जोकि देर शाम तक जारी है।
कपूरथला के गांव कोट करार खां और आसपास के कई गांवो में मंगलवार को जिला प्रशासन की टीम भारी पुलिस बल के साथ पहुंची। एसडीएम लाल विश्वास बैंस के नेतृत्व में पहुंची टीम ने दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस हाईवे के अधीन आती भूमि को कब्जा मुक्त करवाया। हालांकि इस दौरान किसानों ने प्रशासन का विरोध किया और इस गतिविधि के दौरान माहौल तनावपूर्ण बन गया, लेकिन भारी पुलिस तैनात होने के चलते कोई झगड़ा नहीं हुआ।
इस एक्शन के दौरान प्रभावित हुए गांव के लगभग 30-35 किसानों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि खेतों में खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाकर जिला प्रशासन ने उनकी फसल नष्ट कर दी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके गांव में साथ लगते गांव से बहुत कम मुआवजा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि साथ वाले गांव में सरकार की ओर से 63 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया गया, जबकि उनके गांव में मात्र 17 लाख ही दिया जा रहा है, जोकि किसानों ने नहीं लिया है।
SDM लाल विश्वास ने बताया कि दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस हाईवे के अधीन आती उक्त गांव की लगभग 2.19 किलोमीटर भूमि का कब्जा आज मुक्त करवाया है। किसानों की ओर से लगाए गए आरोप बेबुनियाद है। उक्त भूमि का अवार्ड 2020 में ही पास हो चुका है। चार सालों में उक्त गांव के किसी भी किसान की ओर से कोई भी अपील नहीं की गई है। इसलिए आज पुलिस बल सहित यह एक्शन लिया गया है।