दिल्ली-जम्मू नेशनल हाईवे पर स्थित जालंधर से लुधियाना जाने के रास्ते सबसे महंगा लाडोवाल टोल प्लाजा 26 दिनों से बंद है। किसानों ने टोल प्लाजा से धरना हटा लिया है। लेकिन केबनों को तिरपाल और रस्सियों से बांधकर बंद कर दिया है और अपना झंडा फहरा दिया है। अभी टोल फ्री है और मामले में एनएचएआई ने हाईकोर्ट में केस दायर किया है। जिसकी सुनवाई आज होनी है।
4 बजे किसान बनाएंगे अगली रणनीति
वहीं, दूसरी ओर किसानों ने अगली रणनीति बनाने के लिए शाम 4 बजे सभी जत्थेबंदियों के साथ बैठक भी तय की है। भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रधान दिलबाग सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि लाडोवाल टोल प्लाजा बंद करने के मामले पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई है। आज वह अपने वकील को हाईकोर्ट भेजेंगे।
किसान रखेंगे अपना पक्ष
किसान भी टोल प्लाजा बंद करने के कारण का पक्ष अदालत में रखेंगे। किसान नेता ने कहा कि टोल प्लाजा पर लगातार बढ़ रहे दामों से लोग परेशान हैं। लोगों से खुलेआम लूट हो रही है। उन्होंने कहा कि लाडोवाल टोल प्लाजा के अंतर्गत आने वाले इलाकों की लाइटें भी निजी कंपनियों ने अपने कब्जे में ले ली हैं। सड़के टूटी हुई है।
10 लाख गाड़ियां गुजरी, 26 करोड़ का टैक्स बचा
बता दें कि 16 जून से किसानों ने इस टोल को बंद करवाया हुआ है। जिससे लगभग 26 करोड़ रुपए का टैक्स लोगों का बचा है। 10 लाख से ज्यादा गाड़ियां बिना टेक्स दिए टोल से गुजर चुकी है। मुफ्त टोल होने के कारण गाड़ियां किसानों का धन्यवाद करते हुए भी टोल प्लाजा पर दिख जाते है।
सरकार को नोटिस भी जारी किया गया था
NHAI ने पहली सुनवाई में हाईकोर्ट में कहा कि उनके 4 टोल बंद किए गए हैं। NHAI की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस भी जारी किया था। बता दें कि लुधियाना के लाडोवाल टोल प्लाजा समेत चार टोल प्लाजा को बंद करने के लिए खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की हुई है।
बार-बार टोल बंद करना गलत, राजनीतिक दलों से भी मिल रहा समर्थन
NHAI का कहना है कि किसानों को बार बार टोल प्लाजा पर बैठना बंद करना चाहिए। इतना ही नहीं राजनीतिक नेताओं से भी इस प्रदर्शन में उनका समर्थन कर रहे हैं।