पंजाब में प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा चूक मामले में पंजाब पुलिस ने एक्शन लेते हुए बठिंडा के SP(H) गुरबिंदर सिंह सांगा को सस्पेंड कर दिया गया है। उन्हें DGP की रिपोर्ट के आधार पर सस्पेंड किया गया है। PPS अधिकारी गुरविंदर सिंह पीएम मोदी के दौरे के समय के दौरान एसपी ऑपरेशन फिरोजपुर थे। रिपोर्ट में टिप्पणी की गई है कि अधिकारी ने अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरती।
5 जनवरी को रोका गया था पीएम का काफिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला पंजाब के फिरोजपुर में 5 जनवरी 2022 को हुसैनीवाला में एक फ्लाईओवर पर फंस गया था। प्रधानमंत्री फिरोजपुर में रैली के लिए जा रहे थे, जहां चुनाव के मद्देनजर उन्हें 42000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की लागत के कई प्रोजेक्ट्स की आधारशिला रखनी थी।
लेकिन उनकी रैली को स्थगित करना पड़ा था। प्रधानमंत्री का काफिला राष्ट्रीय शहीद स्मारक से 30 किलोमीटर दूर हुसैनीवाला से गुजर रहा था, जहां फ्लाईओवर पर कुछ प्रदर्शनकारी विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे और फ्लाईओवर को जाम कर दिया था। बठिंडा के भिसियाना एयरपोर्ट पहुंचकर PM मोदी ने कहा था- "अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहना, मैं जिंदा लौट आया हूं।" जिसके बाद यह मामला काफी बढ़ गया। यह फ्लाईओवर भारत-पाकिस्तान के हुसैनीवाला बॉर्डर से कुछ ही दूरी पर था।
20 मिनट तक फंसा रहा था पीएम का काफिला
इसे पीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक माना गया था। 20 मिनट के करीब प्रधानमंत्री का काफिला फंसा रहा था। तब की चन्नी सरकार ने दावा किया था कि आखिरी पर पीएम का रूट बदल दिया गया था, वहीं बीजेपी ने कांग्रेस पर ही गंभीर आरोप लगाए थे।
जांच रिपोर्ट में आया था नाम
फिरोजपुर में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में अनदेखी को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी और डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को भी आरोपी करार दिया गया था। कमेटी ने रिपोर्ट 8 महीने पहले अगस्त 2022 में सुप्रीम कोर्ट और सरकार को सौंपी थी। इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्र ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सितंबर 2022 में पंजाब सरकार को पत्र लिखा था। 6 महीने बीत जाने के बावजूद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पहले पूरी घटना के लिए SSP हरमनदीप हंस को जिम्मेदार ठहराया गया था। कमेटी की रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्य सचिव और डीजीपी की लापरवाही सामने आई। ये भी कहा गया कि अधिकारियों के पास जो भी जिम्मेदारी थी, वे उसका ठीक से निर्वहन नहीं कर पाये। IG (SPG) आरआर भगत ने समय रहते पुलिस अधिकारियों को स्थिति की जानकारी दे दी थी, लेकिन इसके बावजूद समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई।