जालंधर, हिमाचल प्रदेश में CM सुखविंदर सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर को देहरा विधानसभा से उपचुनाव का उम्मीदवार बनाए जाने के खिलाफ बगावत हो गई है। पहले इस सीट से चुनाव लड़ चुके डॉ. राजेश शर्मा टिकट कट जाने के बाद फूट-फूट कर रोए।
अपने समर्थकों के साथ मीटिंग के बाद डॉ. राजेश शर्मा को चक्कर आया और उन्हें सिविल अस्पताल देहरा इलाज को ले जाया गया। टिकट कटने के बाद राजेश शर्मा काफी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि यदि पुणे में उनके बच्चों की मौत होती है या फिर उनकी हार्ट अटैक से मौत होती है तो उसके जिम्मेदार मुख्यमंत्री सुक्खू होंगे।
उन्होंने कांग्रेस को अल्टीमेटम दिया है कि अभी समय है टिकट बदल दें, नहीं तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री सुक्खू का कहना है कि हाईकमान के आदेशों की अवहेलना नहीं कर सका और फैसला लेना पड़ा।
9 घंटे सीएम हाउस में किडनैप करने का आरोप
बुधवार को समर्थकों की मीटिंग में रोते हुए राजेश शर्मा ने कहा कि CM सुक्खू ने 9 घंटे तक उन्हें शिमला में CM के सरकारी निवास पर किडनैप करके रखा। सीएम और दूसरे कांग्रेस नेता उन्हें धमकी दे रहे हैं कि उसका कारोबार बंद कर देंगे। पेशे से डॉक्टर राजेश शर्मा ने कहा कि मंत्री भी उन्हें धमका रहे हैं।
2022 में कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ चुके डॉ. राजेश
साल 2022 में कांग्रेस पार्टी ने राजेश को ही टिकट देकर उतारा था। वह इस सीट से खड़े आजाद उम्मीदवार होशियार से चुनाव हार गए थे। इस बार पार्टी हाईकमान ने कभी नहीं जीत पाने वाली देहरा सीट को जीतने के लिए सीएम की पत्नी पर दांव खेला है। हालांकि इससे पहले देहरा से डॉ. राजेश का टिकट पहले से तय माना जा रहा था।
सर्वे में पत्नी का नाम आया, तब फैसला लिया -CM सुक्खू
इस मामले में मुख्यमंत्री सुक्खू का कहना है कि पार्टी हाईकमान के आदेश और देहरा में कांग्रेस ने उम्मीदवार को लेकर कराए गए सर्वे में पत्नी का नाम आने के बाद फैसला लिया गया है। वह खुद नहीं चाहता था कि पत्नी चुनाव लड़े। लेकिन इलाके के लोगों और पंचायत प्रधानों चाहते थे। उन्होंने कहा कि साढ़े तीन साल के लिए उनकी पत्नी चुनाव लड़ने जा रही हैं। देहरा मेरी पत्नी का मायका है। उन्होंने अपनी पत्नी को देहरा भेजने का निर्णय लिया है।