पंजाब सरकार ने ड्रग्स के मामलों में गवाही के लिए पेश नहीं होने वाले पुलिस अधिकारियों को स्सपेंड करने का फैसला किया है। सरकार ने ये कदम नशे के मामलों में पुलिस कर्मियों के कोर्ट में पेश न होने के कारण सुनवाई में देरी पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद उठाया है।
NDPS (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) एक्ट 1985 के तहत हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब के सचिव गृह गुरकीरत किरपाल सिंह ने ये जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के फैसले के अनुसार, एनडीपीएस मामलों में आरोपियों की मदद करने वाले पुलिस मुलाजिमों को स्सपेंड कर दिया जाएग और उसको भी इसी एक्ट के तहत सजा दी जाएगी।
कोर्ट में समय पर आने के आदेश- डीजीपी
उन्होंने यह भी कहा कि 28 अक्टूबर को पंजाब के डीजीपी गौरव यादव को इस मुद्दे को हल करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने के लिए कहा गया था। डीजीपी ने पुलिस मुलाजिमों को गवाही के लिए ट्रायल कोर्ट में समय पर आने के लिए आदेश जारी किया है।
इस पर जल्दी काबू नहीं हुआ स्थिति खराब हो सकती है- जस्टिस
पंजाब में एनडीपीएस एक्ट 1985 के तहत 16,149 आपराधिक मामले हैं। इनमें ट्रायल कोर्ट ने अक्टूबर 2021 से पहले आरोप तय किए थे। ये मामले अभी भी पेंडिंग हैं। इससे पहले 12 अक्टूबर को, हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि एनडीपीएस मामलों में गवाह पुलिस अधिकारियों की लगातार गैर-हाजरी ने इस आशंका को जन्म दिया है कि उनमें से कुछ के ड्रग माफिया के साथ लिंक हो सकते हैं। अगर इस पर जल्दी काबू नहीं पाया गया तो स्थिति इतनी खराब हो सकती है, इसे सुधारा नहीं जा सकेगा। ये टिप्पणियां हाई कोर्ट की जस्टिस मंजरी नेहरू कौल ने ड्रग मामलों में ट्रायल कोर्ट में गवाहों के पेश न होने से जुड़े मामले की सुनवाई में कही।