Now you will be able to buy metro tickets along with rail tickets : इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी), दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) और सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स (सीआरआईएस) ने 'वन इंडिया - वन टिकट' पहल को बढ़ावा देने के लिए समझौता किया है, जिससे दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में मेन लाइन रेलवे और मेट्रो यात्रियों के लिए यात्रा का अनुभव और बेहतर होने की उम्मीद है। IRCTC, DMRC और CRIS की इस ऐतिहासिक पहल का उद्देश्य व्यापक, निर्बाध यात्रा समाधान करना है, जिससे टिकट बुकिंग आसान होने से सुविधा बढ़ेगी।
IRCTC, DMRC और CRIS की पहल
इस अनूठी पहल का उद्देश्य यात्रा को सुव्यवस्थित करना है, जिससे यात्रियों के लिए सहज और अधिक सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित हो सके। दिल्ली मेट्रो रेल क्यूआर कोड आधारित टिकट सिस्टम का "बीटा संस्करण" लॉन्च किया गया, जिससे रेलवे यात्री IRCTC वेबसाइट और मोबाइल ऐप के एंड्रॉइड संस्करण के माध्यम से DMRC QR कोड टिकट बुक कर सकेंगे। जल्द ही इसका पूरा संस्करण आने की उम्मीद है।
अभिनव टिकटिंग सिस्टम का पूर्ण लॉन्च
IRCTC के CMD संजय कुमार जैन और DMRC के MD डॉ. विकास कुमार ने बताया कि सफल बीटा ट्रायल से टिकटिंग सिस्टम का पूर्ण लॉन्च हो जाएगा। अबतक सिंगल जर्नी मेट्रो टिकट सिर्फ यात्रा के दिन ही बुक किए जा सकते हैं, जिनकी वैधता उसी दिन होती है। हालांकि, नई सुविधा के साथ DMRC-IRCTC QR कोड-आधारित टिकट भारतीय रेलवे की अग्रिम आरक्षण अवधि (ARP) के साथ सिंक्रोनाइज़ किए जाएंगे, जिससे यात्री 120 दिन पहले तक मेट्रो टिकट बुक कर सकेंगे।
टिकट बुकिंग हिस्ट्री पेज के माध्यम से
ये टिकट चार दिनों के लिए वैध होंगे. DMRC द्वारा निर्धारित यात्रा तिथि से एक दिन पहले से लेकर दो दिन बाद तक इस प्रकार यात्रा योजना में अधिक लचीलापन प्रदान किया जाएगा। इस पहल से रेलवे यात्री सीधे रेल टिकट कन्फर्मेशन पेज से दिल्ली मेट्रो टिकट बुक कर सकेंगे। चाहे वह दिल्ली/एनसीआर क्षेत्र में स्थित स्टेशन हो या गंतव्य स्टेशन। इसके अलावा टिकट को बाद में बुकिंग हिस्ट्री पेज के माध्यम से बुक किया जा सकता है, जिसमें लचीले रद्दीकरण विकल्प उपलब्ध हैं।
यह कदम डिजिटलीकरण को बढ़ावा
खरीद के बाद प्रति यात्री एक डीएमआरसी क्यूआर कोड मुद्रित किया जाएगा या आईआरसीटीसी की इलेक्ट्रॉनिक आरक्षण पर्ची में उपलब्ध होगा, जिससे डीएमआरसी स्टेशनों पर कतार में लगने का समय काफी कम हो जाएगा। यह कदम डिजिटलीकरण और कुशल, पर्यावरण के अनुकूल परिवहन प्रणालियों को बढ़ावा देता है, जो वास्तव में 'एक भारत-एक टिकट' की भावना को दर्शाता है।