खबरिस्तान नेटवर्क: अगर अब कोई कैब ड्राइवर आपकी बुकिंग कैंसिल करेगा तो उस पर भी तुरंत जुर्माना लगेगा। खास बात तो यह है कि ये जुर्माना सीधे उसी समय यात्री के अकाउंट में ट्रांसफर भी होगा। पहले ऐसा होता था कि अगर ग्राहक बुकिंग कैंसिल करेंगे तो उनसे चार्ज वसूला जाता था लेकिन अब ये नियम ड्राइवर पर लागू होगा।
इस पॉलिसी के चलते लिया गया फैसला
राज्य सरकार ने यह फैसला किया है अब कैब कंपनियां जैसे कि ओला, उबर किराए में मनमानी नहीं कर पाएंगे। सरकार ने एग्रीगेटर कैब्स पॉलिसी 2025 के अंतर्गत यह फैसला लिया है कि कोई भी कंपनी सामान्य किराए से 1.5 गुना से ज्यादा किराया चार्ज नहीं कर पाएगी। पहले कुछ मामलों में ये किराया 5 गुना तक भी पहुंच जाता था। खासकर पीक ऑवर्स में। अब ऐप का एल्गोरिदम भी इस हिसाब से बदला जाएगा कि यह सीमा तय की जा सके।
ड्राइवरों को अब मिलेगा 80% किराया
इस नीति में यह तय हुआ है कि हर राइड के कुल किराए का कम से कम 80 प्रतिशत हिस्सा ड्राइवर को मिलना चाहिए। इससे ड्राइवर की आमदनी अच्छी होगी। वो राइड लेने से भी मना नहीं कर पाएंगे। खासतौर पर छोटे रुट्स के लिए इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
महिलाओं को देनी होगी सुरक्षा
नई नीति में यह कहा गया है कि महिला की सुरक्षा को भी खास तवज्जो देनी पड़ेगी। यदि कोई महिला यात्री राइड शेयरिंग चुनती है तो इसके साथ सिर्फ महिला ड्राइवर या महिला को को-पैसेंजर ही यात्रा कर सकते हैं। इसके साथ ही ऐप में महिला यात्रियों की प्राइवेसी को सुरक्षित रखने के फीचर्स भी जरुरी होंगे। कैब कंपनियों को यह सुनिश्चित करना पड़ेगा कि यात्रा के दौरान पूरी सुरक्षा और भरोसे का माहौल हो।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर बनी यह नीति
यह पूरी नीति सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आधार पर बनी है। इसको तैयार करने के लिए एक कमेटी भी बनाई गई थी। इस कमेटी की अध्यक्षता सुधीर कुमार श्रीवास्तव कर रहे थे। मोटर व्हीकल एक्ट और नियमों के अनुसार इसको लागू भी किया गया है।
ड्राइवर के परिवार वालों को भी मिलेगा फायदा
नीति में ड्राइवर और उनके परिवार की भलाई भी शामिल की गई है। इसमें मेडिकल इंश्योरेंस और दूसरी सुविधाओं का प्रावधान भी किया गया है। इससे ड्राईवरों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मिल पाएगी।