जालंधर में अखिल भारतीय वाल्मीकि महासा का 18वां दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन मध्य प्रदेश के इटारसी जिले में शनिवार को शुरू हुआ। इस कार्यक्र की अध्यक्षता उज्जैन से राज्यसभा सांसद परम श्रद्धा गुरु जी बाल योगी उमेश नाथ जी महाराज ने की। उन्होंने समाज को संदेश दिया कि मेरा जीवन वाल्मीकि समाज की सेवा के लिए न्यौछावर है। राष्ट्र के हर जिले में यही मकसद लेकर जा रहा हूं कि आधी रोटी खाएंगे बच्चों को पढ़ाएंगे। बड़ा आदमी बनेंगे झाड़ू नहीं लगाएंगे।
अधिवेशन में अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र अजय पदम, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रतन डागर, प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश धौलपुर, प्रदेश महासचिव नवीन चंदेल और प्रदेश संगठन मंत्नी ओमप्रकाश परोचिया व पंजाब के पदाधिकारियों के साथ गुरु जी बाल योगी उमेश नाथ जी महाराज को ब़डी पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया।
बच्चों को शिक्षा हर हाल में दिलानी जरूरी - गुरुजी
गुरुजी ने पूरे भारतवर्ष के वाल्मीकि समाज के लोगों को संबोधित करते हुए कहा की परिस्थितियों कोई भी हो, चाहे खाना एक टाइम का ही खाना लेकिन वाल्मीकि समाज के बच्चों को शिक्षा हर हाल में दिलानी जरूरी है। उन्होंने कहा कि वोही समाज आगे बढ़ सकता है, जिसके बच्चे शिक्षा को अपना लेते हैं। हमारे समाज को भी आज एक प्रतिज्ञा लेनी होगी कि हर परिवार अपने बच्चों को पढ़ाए लिखाएगा। ताकि वह व्यापार, कारोबार और हर क्षेत्र में नौकरियां हासिल कर एक ऊंचे मुकाम तक पहुंच पाएं। उन्होंने कहा कि समाज को अपने ऊपर लगे झाड़ू के कलंक को हटाने के लिए इस कम से हमेशा के लिए तौबा करनी होगी। किसी भी हालत में समाज के बच्चे झाड़ू की नौकरी नहीं करेंगे। अंत में गुरु जी बाल योगी उमेश नाथ जी महाराज लोगों को साधुवाद दिया।
अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र राज्य पदम ने संबोधित करते हुए कहा कि वाल्मीकि समाज के उत्थान के लिए गुरुजी बाल योगी उमेश नाथ जी महाराज दिन रात काम कर रहे हैं। वह समाज की रीढ़ की हड्डी हैं। वह बच्चों की शिक्षा को लेकर चल रहे हैं और समाज उनके साथ खड़ा हैं। इस मौके पर सतीश करोसिया, मनीष गोहरिया, अमन गागोलिया, नीरज वाल्मीकि, पंजाब से राजिंदर गिल के अलावा हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से वाल्मीकि समाज के पदाधिकारी पहुंचे।
महासा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामगोपाल राजा राजस्थान कोटा, मोहन लाल बगान पंजाब, शंकर वाल्मीकि उत्तर प्रदेश, कन्हैया लाल कालोसिया राजस्थान, शिवलाल तेजी बीकानेर राजस्थान, राजेंद्र कुमार अलावलपुर पंजाब, अजय नाहर उत्तर प्रदेश, मनोज वाल्मीकि कोलकाता, रूपेश वाल्मीकि कोलकाता, पुरु षोत्तम टैगोर मध्य प्रदेश, विवेक गुरु गाडरवारा, प्रशांत गुरु गाडरवारा, मनजीत सापति इटारसी भी अधिवेशन में खास तौर पर शामिल हुए।