ख़बरिस्तान नेटवर्क : मालेगांव बम ब्लास्ट केस में नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा समेत 7 आरोपियों के लिए फांसी के सजा की मांग की है। इस मामले में यह NIA की आखिरी दलील है जो करीब डेढ़ हजार पन्नों की है। कोर्ट ने मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और 8 मई को फैसला आएगा।
2008 में हुआ था बम ब्लास्ट
साल 2008 में मालेगांव में एक बम ब्लास्ट में 6 मुस्लिम मारे गए थे और इसमें 100 से अधिक लोग जख्मी हो गए थे। जिसके बाद इस मामले में साध्वी प्रज्ञा, कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय, स्वामी दयानंद पांडे, अजय राहिरकर, समीर कुलकर्णी और सुधाकर चतुर्वेदी को आरोपी बनाया गया था। आरोप है कि बड़ी साजिश के तहत बम ब्लास्ट की योजना बनाकर अंजाम दिया था।
जमीयत उलेमा ने की फांसी की मांग
वहीं जमीयत उलेमा के लीगल सेल के वकील शादिद नदीम ने बताया कि एजेंसी ने UAPA की धारा का हवाला दिया है। इसके मुताबिक अगर आतंकी हमले में किसी की मौत हो जाती है तो दोषियों को फांसी की सजा दी जा सकती है। वहीं NIA ने भी कोर्ट में कहा कि साध्वी प्रज्ञा के साथ किसी तरह की नरमी न बरती जाए।