Matsya Jayanti, know the exact date and auspicious time : हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले हर त्यौहार का अपना महत्व है। मत्स्य जयंती को बेहद खास माना जाता है जो कि हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 11 अप्रैल दिन गुरुवार को किया जाएगा। यह पर्व श्री हरि विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। पंचांग के अनुसार इसी पावन दिन पर भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था और जगत का कल्याण किया था। मान्यता है कि मत्स्य जयंती के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सकल मनोरथ सिद्ध हो जाता है। साथ ही ज्ञान आयु में वृद्धि होती है तो आइए जानते हैं मत्स्य जयंती से जुड़ी जानकारी...
मत्स्य जयंती की तारीख व मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 अप्रैल की संध्याकाल 5 बजकर 33 मिनट से आरंभ हो रही है जो कि अगले दिन यानी 11 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 3 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में मत्स्य जयंती का पावन पर्व 11 अप्रैल दिन गुरुवार यानी की कल मनाया जाएगा।
आयुष्मान व रवि योग का निर्माण
मत्स्य जयंती के दिन आयुष्मान और रवि योग का निर्माण हो रहा है साथ ही गर और वणिज करण के भी शुभ योग बन रहे हैं। आपको बता दें कि आयुष्मान योग का निर्माण सुबह 7 बजकर 20 मिनट से हो रहा है जो कि 12 अप्रैल को सुबह 4 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।
सारी परेशानियां हो जाती हैं दूर
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मत्स्य जयंती के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं और खुशहाली आती है इस दिन उपवास रखते हुए भगवान की पूजा जरूर करें।