अमेरिका से भारतीयों को डिपोर्ट किए जाने का मामला गर्मा गया है। जहां विपक्ष केंद्र पर निशाना साधते हुए अमेरिका द्वारा भारतीयों को हथकड़ी और पैरों में भेड़ियां डाले जाने की निंदा कर रहे है। वहीं इस मामले में ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर डीजीपी गौरव यादव ने बड़ा एक्शन लिया है।
दरअसल, संयुक्त राज्य अमेरिका से पंजाब में रहने वाले भारतीय नागरिकों के निर्वासन से उत्पन्न अवैध मानव तस्करी/अवैध प्रवासन के मुद्दे की जांच करने के लिए डीजीपी गौरव यादव ने 4 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है।
एसआईटी में एडीजीपी एनआरआई परवीन सिन्हा, एडीजीपी/आंतरिक सुरक्षा शिवे वर्मा,आईजीपी/प्रोविजनिंग डॉ. एस. बूपति और डीआइजी बॉर्डर रेंज सतिंदर सिंह को शामिल किया गया है। यह चार सदस्य कमेटी मामले की गहराई से जांच करेगी। जिसके चलते अब अवैध मानव तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डीजीपी ने इस कमेटी को अधिकार दिया है कि वह इस मामले की जांच के लिए किसी भी और अधिकारी को शामिल कर सकती है। यह कमेटी एसएसपी व पुलिस कमिश्नरों के साथ तालमेल बनाकर रखेगी। वहीं, सभी अधिकारियों को कमेटी को जरूरी सहायता व बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाने के आदेश दिए गए हैं।
यूएस मे अवैध तरीके से पहुंचे पंजाब के 31 लोगों को अभी तक डिपोर्ट किया। इसमें अधिकतर केसों में यह बात सामने आई है कि डंकी से रूट से उन्हें यूएस भेजा गया था। इसके बदले प्रति व्यक्ति चालीस से 50 लाख रुपए क एजेंटों ने वसूले थे।
वहीं, कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि उन्हें एजेंटों ने कहा था कि लीगल तरीके से भेजे रहे है, लेकिन बाद में डंकी रूट से भेजा गया। ऐसे में अब जहां से भी पुलिस को शिकायत आ रही है। वहां पर कार्रवाई की जाएगी। इस तरह एक केस अमृतसर में दर्ज हुआ है। साथ ही इमिग्रेशन एजेंट का दफ्तर सील कर दिया है।