Many changes in the new rules regarding appointment of priests : नये पुजारियों की नियुक्ति को लेकर बनाई नई नियमावली के मुताबिक मुख्य पुजारी का पद समाप्त कर दिया गया है। इस बीच मुख्य पुजारी के पद पर कार्यरत आचार्य सत्येन्द्र दास शास्त्री को उनकी अवस्था एवं स्वास्थ्य के दृष्टिगत मुक्त रखा गया है। अयोध्या श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से उन्हें आश्वस्त किया गया है कि वह आजीवन अपने पद पर बने रहेंगे और अपनी सुविधानुसार मंदिर आते-आते रहेंगे। इसके अलावा उनके साथ कार्यरत चार सहायक पुजारियों को उनकी वरिष्ठता का लाभ पद की प्रोन्नति में नहीं दिया जाएगा। वहीं उन्हें जो भी सुविधाएं सुलभ थी, वह यथावत जारी रहेंगी।
सहायक पुजारियों को नई नियमावली की जानकारी
श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से चारों सहायक पुजारियों की बैठक कर उन्हें नयी नियमावली की जानकारी देने के साथ यह बताया गया कि नये पुजारियों पर लागू होने वाले 16 सूत्रीय नियमों में से 15 नियम उन सभी पर लागू होंगे। जो नियम उन पर लागू नहीं है, वह नये पुजारियों के लिहाज से आवासीय एवं स्थानीय यात्रा भत्ता के अतिरिक्त मोबाइल रिचार्ज की सुविधा का है।
भितरिया व बाहरिया का नियम का पालन भी करना
इसके साथ भितरिया व बाहरिया का नियम का पालन भी करना होगा। अर्थात जो पुजारी मंदिर के गर्भगृह में पूजन करेंगे वह ड्यूटी अवधि में मंदिर के बाहर नहीं निकलेंगे। इसी तरह जिनकी ड्यूटी गर्भगृह के बाहर होगी, वह अंदर नहीं प्रवेश करेंगे। इसके अतिरिक्त मीडिया से दूरी रखते हुए किसी भी प्रकार की बयानबाजी से भी दूर रहना होगा।
आज से नये पुजारियों की ड्यूटी शुरू होने के आसार
मार्ग शीर्ष शुक्ल एकादशी के पर्व पर बुधवार से दस नये पुजारियों की ड्यूटी शुरू होने की संभावना जताई गई है। हालांकि इस बारे में तीर्थ क्षेत्र की ओर से किसी तरह का संकेत नहीं दिया गया बल्कि पूरी गोपनीयता रखी गई है। वह भी तब जबकि तीर्थ क्षेत्र के आमंत्रित सदस्य व मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव सोमवार की सायंकाल नव नियुक्त पुजारियों को लेकर अपने राम मंदिर गये थे और सभी को आवश्यक निर्देश दिया गया।
शार्ट टर्म कोर्स के अन्तर्गत प्रशिक्षित किया जा रहा
बताया गया कि इस दौरान नौ पुजारी शामिल थे। एक नव नियुक्त पुजारी के घर में सूतक होने के कारण वह अभी नहीं आए हैं। बताया गया कि सभी नव नियुक्त पुजारियों को शार्ट टर्म कोर्स के अन्तर्गत प्रशिक्षित किया जा रहा है। फिर भी नये नियम के अनुसार उनकी भी सेवानिवृत्ति 60 वर्ष की आयु (जन्मतिथि) के आधार पर हो जाएगी। ड्रेस कोड का भी उन्हें पालन करना होगा।
रामलला के भोग के लिए बाहरी दुकान का प्रसाद बंद
रामलला को मंगला आरती से लेकर शयन आरती के मध्य भोग लगाने के लिए बाहरी दुकानदारों से लिए जाने वाले मिष्ठान पर रोक लगा दी गयी है। श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से रामनिवास मंदिर में यह प्रसाद बनवा कर भोग लगाने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गयी है। हालांकि अभी पूरा सिस्टम विकसित नहीं होने के कारण अति विशिष्ट जनों को दिया जाने वाला प्रसाद (मिष्ठान) दुकान से ही आ रहा है। इसकी पुष्टि पीढ़ियों से मंदिर में भोग प्रसाद भेजने वाले व्यवसायी सीताराम यादव ने की।