कनाडा में अब महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा से छेड़छाड़ की गई है। ब्रैंपटन में कुछ फिलिस्तीनी उपद्रवियों की ओर से महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति पर फिलिस्तीन का झंडा लगा दिया गया। जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है।
दोनों ने मुंह ढके हुए थे
वीडियो में देखा जा सकता है कि महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा पर चढ़े 2 युवक फिलिस्तीन का झंडा उनके घोड़े पर लगा रहे हैं। दोनों युवकों ने अपने मुंह ढके हुए थे और नीचे कई व्यक्ति खड़े हुए थे। साथ ही एक व्यक्ति किसी कपड़े से महाराजा रणजीत सिंह के घोड़े पर कपड़ा बांधता हुआ नजर आ रहा था।
कई लोगों ने उक्त सारे घटनाक्रम का वीडियो भी बनाया है। सारे मामले को कनाडा की पील पुलिस को इसकी शिकायत भी दी जा चुकी है। अब इस पर कनाडाई पुलिस की ओर से जांच की जा रही है। फिलहाल मामले में किसी प्रकार का बयान नहीं जारी किया गया है।
कौन थे महाराजा रणजीत सिंह ?
महाराजा रणजीत सिंह भारतीय और सिख इतिहास के एक बहुत बड़े चेहरे हैं। महाराजा रणजीत सिंह का जन्म 13 नवंबर 1780 को पंजाब के गुजरांवाला (अब पाकिस्तान में) में हुआ। जब महाराजा रणजीत सिंह सिर्फ 10 साल के थे तो उन्होंने पहला युद्ध लड़ा था। मात्र 12 साल की उम्र में उन्होंने राजगद्दी संभाली और 18 साल की उम्र में लाहौर को फतेह कर लिया था। 40 वर्षों तक के अपने शासनकाल में उन्होंने अंग्रेजों को अपने साम्राज्य के आसपास भी भटकने नहीं दिया।
खेलने की उम्र में ही गद्दी सौंप दी गई थी
महाराजा रणजीत सिंह की उम्र महज 12 साल ही थी जब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। खेलने की उम्र में उनके कंधों पर गद्दी की जिम्मेदारियां आ गईं। लेकिन उनकी ताजपोशी तब हुई जब वह 20 साल के हुए। 12 अप्रैल 1801 को रणजीत सिंह की पंजाब के महाराज के तौर पर ताजपोशी की गई।
ताजपोशी के बाद 1802 में उन्होंने अमृतसर को अपने साम्राज्य में मिला लिया और 1807 में अफगानी शासक कुतुबुद्दीन को हराकर कसूर पर भी कब्जा कर लिया। 1818 में मुल्तान और 1819 में उन्होंने कश्मीर पर भी कब्जा कर लिया। हालांकि, 27 जून, 1839 को महाराजा रणजीत सिंह का निधन हो गया था।