सूरत में पालतू कुत्ता पालने को लेकर नगर निगम (एसएमसी) ने एक नया नियम लागू किया है। इसके तहत किसी भी नागरिक को कुत्ता पालने के लिए 10 पड़ोसियों और सोसायटी अध्यक्ष की लिखित सहमति लेनी होगी। हाल ही में अहमदाबाद में कुत्ते के हमले से चार महीने की बच्ची की दुखद मौत के बाद इस नए आदेश को और सख्ती से लागू किया गया है। इसके बाद सूरत नगर निगम ने पालतू कुत्ता पालने के नियमों को और सख्त कर दिया है। अब अगर कोई व्यक्ति अपने कुत्ते के लिए लाइसेंस बनवाना चाहता है तो उसे कई जरूरी दस्तावेज जमा कराने होंगे।
क्या है नया नियम?
नए नियम के तहत आवेदक को अपने पड़ोस के कम से कम 10 लोगों की लिखित सहमति लेनी होगी। साथ ही सोसायटी अध्यक्ष या समिति से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) भी देना होगा। इसके अलावा आधार कार्ड, प्रॉपर्टी टैक्स रसीद या किराएदारी एग्रीमेंट की कॉपी,, कुत्ते की फोटो और उसका टीकाकरण रिकॉर्ड भी जमा करना होगा। एसएमसी के मुताबिक, यह नियम 2008 में निगम की आम सभा कि तरफ से लागू किया जा चुका है। लेकिन अब इसे गंभीरता से लागू किया जा रहा है।
क्यों जरूरी है यह नियम?
नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि कुत्तों को लेकर सोसायटी में अक्सर झगड़े होते हैं, पुलिस जांच होती है और फिर नगर निगम को बुलाया जाता है। इसलिए लाइसेंस जरूरी है ताकि मालिक को जिम्मेदार ठहराया जा सके। हालांकि, कुत्ते प्रेमी और पशु अधिकार समूह इस नियम का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह नियम संविधान कि तरफ से दिए गए अधिकारों का उल्लंघन है और इसलिए एक मासूम जानवर को रखने का अधिकार पड़ोसियों की मर्जी पर निर्भर करता है।