अमृतसर से आम आदमी पार्टी के विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने सुशील रिंकू और शीतल अंगुराल के पार्टी छोड़ने के बाद एक ट्वीट कर आला लीडरशिप की कारगुजारी पर सवाल उठाए हैं।
पूर्व पुलिस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह एक्स पर ट्वीट किया कि - क्या से क्या हो गया देखते-देखते।आख़िर कहीं तो चूक हुई है! अपनों से दूरी, छल-कपट और ग़ैरों को गले लगाना; ये कौन सा न्याय है? संकट के इस क्षण में कोई आपको छोड़ के पार्टी बदल रहा है, कोई ख़ुशियाँ मना रहा है और कोई इलाज़ के बहाने देश से बाहर चला गया है।
कुंवर विजय प्रताप सिंह ने ट्वीट के माध्यम से दो लोगों की ओर इशारा किया है। कुंवर के ट्वीट के मायने निकालें तो ऐसा लग रहा है कि संकट की इस घड़ी में पार्टी के कुछ लोग खुशियां मना रहे हैं। ये वो किसके लिए कह रहे हैं स्पष्ट नहीं हो सका है। मगर इलाज के बहाने विदेश जाने की बात शायद उन्होंने आप सांसद राघव चड्ढा के लिए कही लगती है। आम आदमी पार्टी में चल रही उठा पटक से साफ है कि संगठन और लीडरशिप को तौर पर काफी कुछ खराब चल रहा है।
पार्टी पर सवाल उठाते रहे हैं
कुंवर विजय प्रताप सिंह सोशल मीडिया पर कई बार बेअदबी के मामलों में सरकार की कारगुजारी पर नाराजगी प्रकट करते रहे हैं। सीएम के नाम लिखी एक पोस्ट में कुंवर विजय प्रताप ने फेसबुक पर लिखा था कि आपको बहुत-बहुत बधाई मुख्यमंत्री भगवंत साहब, आप ने लिंग निर्धारण टेस्ट न करवा कर पंजाब के लोगों को बहुत बड़ा संदेश दिया है। पर मेरी ज्वाइनिंग के दौरान किया गया वादा जिसमें मुख्यमंत्री केजरीवाल भी शामिल थे, आज भी वही हैं। ये मामला बरगाड़ी, बेअदबी, बहबल कलां, कोटकपूरा गोलीकांड का है।
PA अब फोन भी नहीं उठाते
मैं आज भी वहीं खड़ा हूं, जहां चुनाव हुए थे। इस मामले को लेकर 28 नवंबर को आपके साथ विस्तारपूर्वक बात भी की थी। आज दो महीने हो गए हैं, अब तो आपके पीए भी फोन सुनकर नहीं राजी। मोर्चे वालों के साथ आपका राजीनामा हो गया है और आपने उन्हें मेरे पीछे ही लगा दिया कानूनी दांव पेच में।
29 जनवरी को मिलते हैं कोर्ट में
दोषियों के बड़े वकील अब आपकी सरकार में बड़े वकील बन गए हैं। मुझे और मेरे प्राइवेट वकीलों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। 29 जनवरी को मिलते हैं फरीदकोट की अदालत में। यह सारा हिसाब किताब गुरु गोबिंद सिंह जी की अदालत में रखा जा रहा है। जहां इंसाफ की मुझे पूरी उम्मीद है।