सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस संजीव खन्ना सोमवार को देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश बन गए। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर्ड हो चुके हैं। सुबह 10 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संजीव खन्ना को पद की शपथ दिलाई। जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 13 मई, 2025 तक रहेगा। जस्टिस खन्ना चुनावी बॉन्ड योजना खत्म करने और अनुच्छेद 370 निरस्त करने जैसे ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं। 64 साल के जस्टिस खन्ना 13 मई 2025 को रिटायर होंगे।
सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर जस्टिस खन्ना ने 65 फैसले लिखे हैं। इस दौरान वे करीब 275 बेंचों का हिस्सा रहे हैं। पिछले साल वह 3 जजों वाली पीठ का हिस्सा थे, जिसने एससी और एसटी के लिए प्रमोशन में आरक्षण पर सुनवाई की थी। 2019 में उन्होंने प्रसिद्ध 'आरटीआई जजमेंट' में बहुमत से फैसला सुनाया था। 2022 में उन्होंने कहा कि मध्यस्थ एकतरफा अपनी फीस तय नहीं कर सकते।
जानिए कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना?
जस्टिस खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को दिल्ली में हुआ था और लॉ की पढ़ाई उन्होंने डीयू के कैंपस लॉ सेंटर से की। इसके साथ ही उन्हें 2004 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के स्थायी वकील (सिविल) के रूप में नियुक्ति मिली और 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट में एडहॉक जज बने। बाद में उन्हें स्थायी जज नियुक्त कर दिया गया। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में अतिरिक्त लोक अभियोजक और न्याय मित्र के तौर पर कई आपराधिक मामलों में बहस भी की थी।
इसके साथ ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के वरिष्ठ स्थायी वकील के तौर पर भी उनका कार्यकाल लंबा रहा। बतौर सीजेआई लंबित मामलों की संख्या घटाना और न्याय प्रदान करने में तेजी लाना उनकी प्राथमिकता में है। वह दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश रहे जस्टिस देवराज खन्ना के पुत्र और सर्वोच्च न्यायालय के जाने-माने पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एचआर खन्ना के भतीजे हैं। उनके चाचा जस्टिस एचआर खन्ना 1976 में आपातकाल के दौरान एडीएम जबलपुर मामले में असहमतिपूर्ण फैसला लिखने के बाद इस्तीफा देकर सुर्खियों में रहे थे।
2019 में सुप्रीम कोर्ट में रखा कदम
जस्टिस खन्ना को 18 जनवरी 2019 को कॉलेजियम की सिफारिश पर सुप्रीम कोर्ट में एलिवेट किया गया। सुप्रीम कोर्ट आने के बाद वे 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष रहे। अभी नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी के कार्यकारी अध्यक्ष और नेशनल ज्यूडिशल एकेडमी भोपाल के गवर्निंग काउंसिल मेंबर हैं।