जालंधर, आखिरकार कांग्रेस ने भी विधानसभा जालंधर वेस्ट के उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। चार बार पार्षद रहीं जालंधर की सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ेंगी। लंबे मंथन के बाद कांग्रेस ने इस सीट पर भाजपा और आम आदमी पार्टी को टक्कर देने के लिए टकसाली नेता को चुना है।
भाजपा ने पूर्व विधायक शीतल अंगुराल को टिकट दिया है तो आम आदमी पार्टी ने भगत बिरादरी से मोहिंदर भगत को उतारा है। अब वेस्ट हलके से मुख्य मुकाबला इन तीनों राजनीतिक पार्टियों के बीच ही माना जा रहा है। सुरिंदर कौर इन दोनों को कड़ी टक्कर देंगी। त्रिकोणिय मुकाबला काफी दिलचस्प होने जा रहा है।
हाल ही में लोकसभा चुनाव में वेस्ट हलके से कांग्रेस ने भारी मतों से जीत हासिल की थी। इस हलके से कांग्रेस के प्रत्याशी (मौजूदा सांसद) चरनजीत सिंह चन्नी को सबसे अधिक 44394 वोट मिले थे, जबकि उनकी प्रतिद्वंधि भाजपा को 42837 और आम आदमी पार्टी को मात्र 15629 वोट ही मिले थे।
लंबे मंथन के बाद लगी फाइनल मोहर
माना जा रहा है कि वेस्ट हलके से कांग्रेस की स्थिति मजबूत है। इसलिए कांग्रेस ने किसी बाहरी नेता को न उतार कर हलके में सालों से काम कर रही टकसाली नेता सुरिंदर कौर को चुना है। वेस्ट हलके से उनको टिकट दिए जाने को लेकर लंबा मंथन किया गया। कांग्रेस के प्रदेश प्रधान व मौजूदा सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और जालंधर के सभी कांग्रेसी विधायकों ने उनके नाम पर मोहर लगाई है। हालांकि पूर्व पार्षद पवन कुमार के अलावा करीब 10 लोग इस टिकट की दावेदारी जता रहे थे।
पति की मौक के बाद संभाली राजनीतिक कमान
पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर रहीं सुरिंदर कौर आज तक एक भी चुनाव नहीं हारी हैं। वह लगातार चार बार पार्षद रही हैं। उनसे पहले उनके पति स्वर्गीय चौधरी राम आसरा 1997 में पार्षद थे। उनकी मौत के बाद वह राजनीतिक की कमान संभाल रही हैं। उन्होंने 2002 से 2017 तक लगातार चार बार पार्षद रहने वाली वह अकेली महिला पार्षद हैं। 30 साल से राजनीति में सक्रिय सुरिंदर कौर की साफ सुधरी छवि के कारण उनके पर कोई आरोप भी नहीं है।
सीनियर डिप्टी मेयर का पद पाकर चौंकाया
सुरिंदर कौर को जालंधर की सीनियर डिप्टी मेयर पद पर बैठने का मौका मिला। उन्होंने इस पद को पाकर सभी को चौंका दिया और अपने राजनीतिक प्रतिद्वंधियों को पटखनी दी। सुरिंदर कौर को पार्टी ने उनकी सीनियोरिटी के बलबूते पर इस पद के लिए चुना था। लेकिन वह इस पद पर रहते हुए शहर के विकास के लिए बहुत कुछ करने में सफल नहीं हुई। इतने बड़े पद पर रहते हुए भी वह खुद को साबित नहीं कर पाईं। उनको कमजोर सीनियर डिप्टी मेयर माना गया।
बिना पार्षदों के लड़नी होगी जंग
भले ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी को भारी वोट मिले हैं, लेकिन वेस्ट हलके की जंग सुरिंदर कौर के लिए आसान नहीं होगी। उन्हें यह जंग बिना सेनापतियों के लड़नी होगी। क्योंकि कांग्रेस के ज्यादातर पार्षद और बड़े नेता पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस की संगठानात्मक टीम भी वेस्ट हलके में नहीं है। यहां उनको सांसद चरनजीत सिंह चन्नी का पूरा साथ चाहिए होगा।