अमेरिका के बाद, यूरोपीय देश पुर्तगाल में रह रहे विदेशियों पर भी निर्वासन की तलवार लटक रही है, जिनमें लगभग 13,380 भारतीय शामिल हैं। पुर्तगाल में 2 महीने पहले बनी सरकार भी अमेरिकी राष्ट्रपति की प्रवासी-विरोधी नीतियों को अपनाकर विदेशियों को देश से निर्वासित करना चाहती है। गौरतलब है कि पुर्तगाल से निर्वासित किए जाने वाले विभिन्न देशों के विदेशियों की संख्या 4 लाख बताई जा रही है, जिन्हें वहा की नई सरकार ने हिरासत में लेने के आदेश जारी किए हैं।
6 सालों से सरकार को टैक्स दे रहे
पंजाब के कई ज़िलों के युवा पुर्तगाल में रह रहे हैं और पिछले 5-6 सालों से सरकार को टैक्स दे रहे हैं। ये सभी वहा कानूनी रूप से रह रहे हैं और सरकार से चिकित्सा सुविधाए भी ले रहे हैं। इसके बावजूद, नई सरकार उन्हें वहा से जबरन निकालना चाहती है।
कुछ लोगों को पुर्तगाली सरकार ने पकड़कर जेल में भी डाल दिया है, जिनमें 10-12 भारतीय भी शामिल हैं। पुराने आव्रजन कानून 88 और 89 के अनुसार, अगर कोई गैर-पुर्तगाली यहा आता है और कानूनी तौर पर परमिट प्राप्त करता है, तो वह वहा रह सकता है। वहा का कानून यह है कि अगर कोई विदेशी वहा आता है और सभी कानूनों का पालन करता है, तो उसे 90 दिनों के भीतर बता दिया जाता है कि वह वहा रह सकता है या नहीं।
पीड़ितों ने प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से मदद की गुहार
पीड़ितों ने प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से मदद की गुहार लगाई है। पुर्तगाल भेजे जाने वाले भारतीयों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को ईमेल के ज़रिए एक पत्र भेजा है, जिसमें उनसे पुर्तगाली सरकार के समक्ष इस मुद्दे को उठाने का अनुरोध किया गया है।