केंद्र गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में रविवार 16 जून को जम्मू कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मीटिंग की। इस मीटिंग में होने वाली अमरनाथ यात्रा की तीर्थयात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था और हाल के आतंकवादी हमलों के मद्देनजर जम्मू क्षेत्र में मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आतंकवाद को कुचलें और आतंकियों की मदद करने वालों पर भी सख्ती बरतें।
श्रीनगर में पीएम के पहुंचे से पहले सुरक्षा कड़ी
शाह ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी तीर्थस्थलों और पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ाई जाए। 21 जून को योग दिवस के कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री मोदी 20 जून को श्रीनगर जा रहे हैं।
अमरनाथ यात्रा के लिए रूट व हाईवे पर सख्ती
29 जून से अमरनाथ यात्रा भी शुरू हो रही है। इसे देखते हुए शाह ने अधिकारियों से यात्रा रूट और नेशनल हाईवे पर अतिरिक्त बलों की तैनाती करने कहा है।
तीर्थयात्रियों को दिए जा सकते है स्पेशल कार्ड
मीटिंग के दौरान गृह मंत्री शाह का पूरा फोकस अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा पर रहा। पिछले साल 4.28 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री अमरनाथ यात्रा पर आए थे। इस बार यह आंकड़ा पांच लाख तक जा सकता है। यह कहा जा रहा है कि इस बार सभी तीर्थयात्रियों को स्पेशल कार्ड दिए जा सकते हैं, ताकि उनकी असली लोकेशन का पता लगाया जा सके। इसके अलावा सभी को 5 लाख रुपए का बीमा कवर दिया जा सकता है।
इस बार अमरनाथ यात्रा 52 दिनों की
तीर्थयात्रियों को ले जाने वाले प्रत्येक जानवर के लिए 50 हजार का बीमा कवर भी होगा। शाह ने एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन से बेस कैंप तक सभी तीर्थयात्रियों की सुरक्षा पर जोर दिया है। अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू हो रही है। इस बार अमरनाथ यात्रा 52 दिन की होगी।
सुरक्षाबलों की 500 कंपनियों को तैनात करने का फैसला
यात्रा से पहले केंद्र ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ाने के लिए केंद्रीय सुरक्षाबलों की 500 कंपनियों को घाटी में तैनात करने का फैसला लिया है। जानकारी मुताबिक CRPF, BSF, ITBP और CISF समेत केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बल की 500 कंपनियों को अमरनाथ यात्रा के रूट पर तैनात किया जाएगा।
आतंकवादियों का समर्थन करने वाले पर सख्त कार्रवाई हो
गृह मंत्री शाह ने हाल ही में आतंकवादी हमलों में हुई बढ़ोतरी के मद्देनजर जम्मू में मौजूद सुरक्षा स्थिति पर विस्तृत जानकारी भी ली है। उन्होंने कहा कि जम्मू में आतंकवादियों का समर्थन करने वाले तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए और किसी भी कीमत पर क्षेत्र में आतंकवाद को पनपने नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने सीनियर सुरक्षा अधिकारियों को जम्मू में सक्रिय आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वाले तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
पीएम मोदी भी कर चुके मीटिंग
पीएम मोदी ने भी जम्मू-कश्मीर में हुई आतंकी घटनाओं को लेकर 13 जून को मीटिंग की थी। इसमें NSA अजीत डोभाल समेत सुरक्षा एजेंसियों के कई अधिकारी भी शामिल हुए। PM ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और सुरक्षाबलों की तैनाती को लेकर गृहमंत्री अमित शाह से भी बातचीत की थी।
गृह मंत्री की अध्यक्षता में बुलाई गई इस मीटिंग में एनएसए अजीत डोभाल, एलजी मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, ले. जनरल उपेंद्र द्विवेदी, सीएस डुलू, डीजीपी स्वैन, एडीजीपी विजय कुमार और अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।