पंजाब के पूर्व मंत्री भरत भूषण आशू को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उन्हें मनी लॉड्रिंग से जुड़े मामले में जमानत दे दी है और विजिलेंस को भी केस रद्द करने के लिए कहा है। आशू पिछले 4 महीनों से जेल में बंद थे और अब वह जल्द ही जेल से बाहर आएंगे।
जानें क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि ईडी ने आशू को 1 अगस्त को अरेस्ट किया था। जिसके बाद उनकी कोर्ट में पेशी की गई थी। पूर्व मंत्री भारत भूषण आशू के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। फूड एंड सिविल सप्लायर की कमान संभाल रहे थे, तब उन पर करीब 2,000 करोड़ रुपये के टेंडर में धोखाधड़ी का आरोप लगा था।
ईडी को मिली थी 5 सरकारी संपत्तियों की जानकारी
तलाशी के दौरान ईडी को करीब डेढ़ करोड़ रुपये की 5 सरकारी संपत्तियों की जानकारी मिली थी। पिछले साल छापेमारी के दौरान जांच एजेंसी को यह संभावना दिखी थी कि ये संपत्तियां घोटाले के पैसे से खरीदी गई हैं। जांच एजेंसी ने तलाशी के दौरान मिले करीब 30 लाख रुपये भी जब्त कर लिए हैं और आगे की जांच शुरू कर दी है।
ट्रांसपोर्टेशन - सप्लाई के नाम पर फर्जी गाड़ियों का इस्तेमाल
बता दें कि पंजाब की मंडियों में Labor and transportation टेंडरों में काफी बड़े स्तर पर गड़बड़ी की गई थी। इस मामले की जांच के दौरान यह जानकारी भी सामने आई है कि ट्रांसपोटेशन और सप्लाई के नाम पर कई फेक गाड़ियों का इस्तेमाल और दुरुपयोग किया गया। जिसके बाद आशू के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।
विजिलेंस ब्यूरो कर रही थी जांच
इस मामले की जांच के दौरान यह जानकारी भी सामने आई है कि ट्रांसपोर्टेशन और सप्लाई के नाम पर कई फर्जी गाड़ियों का इस्तेमाल और दुरुपयोग किया गया। पंजाब पुलिस के विजिलेंस ब्यूरो की टीम अब इसकी जांच कर रही थी। इसी केस के आधार पर ईडी ने इस केस को अपने हाथ में लिया है। जिसके बाद अब हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है।