1 नवंबर को होने वाली बहस को लेकर वरिष्ठ वकील एच.एस. फुल्का ने कहा कि यह कोई चुनावी बहस नहीं है। चुनावी बहस उस दौरान होती है जब चुनाव होते हैं। पंजाब की बेहतरी के लिए यह डिबेट हो रही है। मेरी सभी लीडरों से विनती है कि वह इसे एक तरह का इसे मौका समझें, क्योंकि सभी लीडरों ने एक साथ बैठकर लोगों के बीच यह बहस करनी है।
बहस को लेकर मुझे किसी ने संपर्क नहीं किया
एच.एस फुल्का ने कहा कि बहस को लेकर सुनील जाखड़ ने मेरा और कई लोगों के नाम का सुझाव दिया। मैंने पहले भी कहा है कि जहां पंजाब का फायदा होता है, जहां पंजाब की भलाई की बात होती है, वहां मैं हमेशा हाजिर हूं और रहूंगा। मुझे अभी तक किसी ने संपर्क नहीं किया।
पंजाब की बंजर जमीन बचाने को लेकर बहस हो
बहस का सबसे पहला मुद्दा पंजाब की बंजर होती जमीन का है। जो विशेषज्ञ पहले कहते थे कि पंजाब की जमीन 20-25 सालों में बंजर हो जाएगी पर अब रिपोर्ट्स कह रही हैं कि 10-15 साल में ही जमीनें बंजर हो जाएंगी। 2032 तक पंजाब की जमीने बंजर हो जाएंगी, जिन्हें हमें बचाना है और यह हमारा पहला मुद्दा होगा।
इन मुद्दों पर बहस होनी चाहिए
SYL, बेअदबी, SGPC चुनाव, किसान, नशे और सेहत के मुद्दे पर बात होनी चाहिए। 84 के पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए भी चर्चा होनी चाहिए।