इलेक्शन कमिशन ने दो नए कमिश्नरों के नाम को फाइनल कर लिया है। पूर्व IAS अफसर ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू नए इलेक्शन कमिश्नर होंगे। सुखबीर उत्तराखंड के चीफ सेक्रेटरी और NHAI के चेयरमैन रह चुके हैं। ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के IAS अफसर हैं।
फैसले से नाखुश दिखे अधीर रंजन
इलेक्श कमिश्नरों के फैसले पर विपक्षी नेता अधीर रंजन नाखुश दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि मीटिंग शुरू होने से पहले मेरे पास सिर्फ 6 नाम थे। जिनमें सुखबीर संधू, ज्ञानेश कुनार, उत्पल कुमार, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, इंदीवर पांडे और गांधारत राहत के नाम छापे हैं।
मैं इस प्रक्रिया का विरोध करता हूं। ये होना ही था। ये औपचारिकता है। इस कमेटी में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को रखना चाहिए। अगर CJI होते तो बात अलग थी। कल रात मैं दिल्ली आया, तब मुझे 212 लोगों की लिस्ट सौंपी गई थी। इतने कम समय में सभी का प्रोफाइल जांचना असंभव था।
अमित शाह के साथ काम कर चुके हैं ज्ञानेश कुमार
ज्ञानेश कुमार केरल कैडर के रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर हैं। वो केंद्रीय गृह मंत्रालय में कश्मीर डिविजन के उस वक्त इनचार्ज थे जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। मोदी सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को आर्टिकल 370 खत्म किया था। 1988 बैच के आईएएस ज्ञानेश कुमार मई, 2022 में सहकारिता मंत्रालय के सचिव बनाए गए।
ज्ञानेश कुमार की सर्विस रिटायरमेंट एज के बाद भी बरकरार रखी गई थी। वो 31 जनवरी, 2024 को रिटायर हुए। ध्यान रहे कि पहले गृह मंत्रालय और फिर सहकारिता मंत्रालय, दोनों मंत्रालयों के सचिव के तौर पर उन्होंने मंत्री अमित शाह के साथ ही काम किया। शाह इन दोनों मंत्रालयों के मंत्री हैं।
कौन हैं सुखबीर संधू, जानिए
सुखबीर संधू 1998 बैच के रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर हैं। 2021 में पुष्कर सिंह धामी जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनाए गए तब प्रदेश के मुख्य सचिव के पद पर सुखबीर संधू ही थे। उससे पहले संधू NHAI के चेयरमैन और HRD मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग में अडिशनल सेक्रेटरी की भूमिका में भी रहे।
सुखबीर संधू ने अमृतसर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी से इतिहास में एम डिग्री हासिल की है। उनके पास कानून की डिग्री भी है। संधू ने 'अर्बन रिफॉर्म्स' और 'म्यूनिसिपल मैनेजमेंट एंड कपैसिटी बिल्डिंग' पर रिसर्च पेपर्स भी लिखे हैं। लुधियाना नगर निगम के आयुक्त के तौर पर उनकी सेवाओं के लिए संधू को राष्ट्रपति मेडल से नवाजा गया था।