राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पंजाब समेत 10 राज्यों के राज्यपाल बदल दिए हैं। शनिवरा देर रात इसकी सूचना जारी की गई। वहीं, पंजाब के मौजूदा गवर्नर बनवारी लाल का इस्तीफा मंजूर हो गया है। अब गुलाब चंद कटारिया पंजाब के नए राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक को नियुक्त किया गया है।
इन राज्यों के बदले राज्यपाल
गुलाब चंद कटारिया - पंजाब
हरिभाऊ किशन राव बागडे - राजस्थान
जिष्णु देव वर्मा - तेलंगाना
संतोष कुमार गंगवार - झारखंड
सीपी राधा कृष्णनन - महाराष्ट्र
लक्ष्मण प्रसाद आचार्य - असम और मणिपुर का अतिरिक्त प्रभार
रमन डेका - छत्तीसगढ़
सीएच विजयशंकर - मेघालय
ओम प्रकाश माथुर - सिक्किम
के. कैलाशनाथन - पुडुचेरी के उपराज्यपाल
लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को असम की जिम्मेदारी दी गई है, उनके पास मई 2023 से हिंसा से जूझ रहे मणिपुर का भी अतिरिक्त प्रभार भी होगा। जिन 8 राज्यों में राज्यपाल बदले गए हैं उनमें से 2 महाराष्ट्र-झारखंड में इसी साल के आखिरल में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनके अलावा हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने हैं। जम्मू कश्मीर के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर से पहले चुनाव करवाने का फैसला सुनाया गया है।
जानें कौन हैं कटारिया?
गुलाब चंद कटारिया को फरवरी 2023 में असम का राज्यपाल बनाया था। उसके पहले वह राजस्थान बीजेपी के बड़े नेता हुआ करते थे। वह वसुंधरा राजे की सरकार में साल 2014 से लेकर 2018 तक राज्य के गृह मंत्री भी रह चुके हैं। वह मूल रूप से उदयपुर के रहने वाले कटारिया लोकसभा के सांसद और राजस्थान के ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री भी रहे हैं।
एक समय उनको राजस्थान के सबसे सीनियर नेताओं में रखा जाता था। कटारिया को पार्टी ने इनाम देते हुए उनको असम का राज्यपाल नियुक्त किया था। अब उनको पंजाब का राज्यपाल और चंडीगढ़ का उपराज्यपाल बनाया गया है।
1977 में बने थे पहली बार विधायक
वहीं कटारिया के राजनीतिक सफर की बात करें तो साल 1977 में पहली बार वो उदयपुर शहर सीट से पहली बार विधायक चुने गए थे। इसके बाद कटारिया दिन-प्रतिदिन आगे बढ़ते चले गए। 1977, 1980, 2003 से 2018 तक उदयपुर से भाजपा को जीत दिलाई। लगातार कार्यकाल के बाद उन्होंने उदयपुर को भाजपा का गढ़ बना दिया। बताया जाता है कि कटारिया ने जीवन में कुल 11 चुनाव लड़ा जिसमें से वह 9 बार जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। उन्होंने
पुरोहित ने लगाए सीएम पर ये आरोप
गवर्नर पुरोहित पंजाब बॉर्डर पर जब दो दिन पहले दौरे से लौटे थे। चंडीगढ़ पहुंचते ही उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान पर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री मान से परेशान होकर इस्तीफा दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें मेरा चांसलर बनना पसंद नहीं आया। इसलिए मैंने इस्तीफा दिया था। मुझे किसी से वोट नहीं चाहिए, मैं निस्वार्थ भाव से यहां काम कर रहा हूं।
मेरे अगर किसी से बात भी होती है तो सीधी बात प्रधानमंत्री या फिर होम मिनिस्टर से होती है। दिक्कतें लेकर AAP, BJP और कांग्रेस के लोग भी आते हैं। मैं सभी की बात सुनता हूं। पंजाब के जो काम नहीं हुए वो काम करवाना मेरी जिम्मेदारी है। मैं पंजाब की सभी यूनिवर्सिटियों का चांसलर हूं। ये सीएम साहब को पसंद नहीं आया, क्योंकि मैं किसी की रिकमेंडेशन पर काम नहीं करता था।