जम्मू में कठुआ रेलवे स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी अचानक चलने लग पड़ी। देखते ही देखते ट्रेन बिना ड्राइवर और गार्ड पठानकोट की तरफ अस्सी की स्पीड पर बढ़ने लगी। ट्रेन 84 किलोमीटर तक बिना ड्राइवर के दौड़ती रही। जैसे ही इस घटना का पता रेलवे अधिकारियों को चला तो सभी के हाथ-पैर फूल गए।
चाय पीने गया था ट्रेन का ड्राइवर
बताया जा रहा है कि रविवार सुबह सुबह 7 बजे जम्मू के कठुआ में मालगाड़ी ट्रेन नंबर 14806R रुकी थी। इस दौरान ट्रेन का ड्राइवर स्टेशन पर चाय पीने के लिए उतर गया। जब ड्राइवर चाय पी रहा था तो अचानक ट्रेन चल पड़ी और देखते ही देखते उसने रफ्तार पकड़ ली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मालगाड़ी में कंक्रीट लोड करके लेकर जा रही थी। जब ड्राइवर और गार्ड चाय पीने के लिए उतरे थे तो उस समय भी ट्रेन का इंजन चालू था। ड्राइवर ने मालगाड़ी के हैंडब्रेक भी नहीं लगाए थे। जिस वजह से ही ढलान के कारण ट्रेन चलने लगी।
सुबह सर्कुलेट हुआ मैसेज
रविवार सुबह 8:00 बजे फिरोजपुर मंडल और जम्मू मंडल के सभी स्टेशनों और रेलवे फटकों पर एक मैसेज सर्कुलेट हुआ कि डीएमटी मालगाड़ी कठुआ से बिना ड्राइवर और गार्ड के निकली है। इसलिए फाटकों पर पूरी एहतियात बरती जाए और फाटक बंद रखे जाएं। जैसे ही मैसेज सर्कुलेट हुआ रेलवे अधिकारियों में हड़कंप मच गया और किसी तरह से ट्रेन को रोकने के लिए प्रयास करने लगे।
मालगाड़ी को रोकने के लिए अलावलपुर में रेल पटरी पर ईंट और पत्थर रखवाए गए थे ताकि मालगाड़ी वहीं रुक जाए। लेकिन समय रहते ही मालगाड़ी को ऊंची बस्सी में रोक दिया गया। जिससे एक बड़ा हादसा होने से टल गया है।
पलट भी सकती थी मालगाड़ी
रेलवे एक्सपर्ट के मुताबिक जिस रफ्तार से मालगाड़ी बिना ड्राइवर और गार्ड के रेल पटरी पर दौड़ रही थी। अगर उसे रोकने की कोशिश करते तो पलट भी सकती थी। इसलिए मालगाड़ी को ऐसी जगह पर रोकने की कोशिश की जा रही थी जहां ना तो पैसेंजर ज्यादा हों और न ही प्लेटफॉर्म भरा हो। इसलिए अलावलपुर और मुकेरियां के पास ऊंची बस्सी स्टेशन को चुना गया।
मालगाड़ी 15 से अधिक रेलवे स्टेशनों को क्रॉस करते हुए ऊची बस्सी पर पहुंची और रास्ते में 50 से अधिक रेलवे फाटक आए होंगे। क्योंकि जालंधर से कठुआ तक 100 के करीब रेलवे फाटक हैं, जहां पर मैसेज सर्कुलेट किया गया था।
इस तरह से रोकी गई ट्रेन
रेलवे कर्मचारियों के अनुसार कठुआ से ट्रेन अचानक जब चली तो वहां पर ढलान होने के कारण ट्रेन ने रफ्तार पकड़ ली और जब मुकेरियां के आगे ऊंची बस्सी पहुंची तो वहां ऊंचाई होने के कारण गति धीमी हो गई जिसके बाद उसे रोक लिया गया। इस घटना में किसी तरह का नुकसान तो नहीं हुआ लेकिन एक बड़ा हादसा होने से टल गया।
अधिकारी जांच कर रहे
मामले को लेकर फिरोजपुर मंडल ने निचले स्तर के अधिकारियों को जांच करने के लिए कहा है और ट्रेन को इस तरह से बिना गार्ड और ड्राइवर के पटरी पर कैसे खड़ा रखा गया इस बारे में भी पूछताछ की जाएगी।