From Rs 55 to Rs 55 thousand, how much has the salary structure of the Pay Commission changed in 78 years : हाल ही में केंद्र सरकार पे 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। इससे केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख कर्मचारियों और करीब 65 लाख पेंशनर्स को लाभ होगा। अब इसकी कमेटी का गठन होगा और वो कमेटी अपनी सिफारिशें देगी। उसके बाद सरकारी कर्मचारियों का नया सैलरी स्ट्रक्चर सामने आएगा। वो सिफारिशें साल 2026 में लागू होनी है।
मौजूदा बेसिक सैलरी में ढाई गुना का इजाफा
उम्मीद लगाई जा रही है कि मौजूदा बेसिक सैलरी में ढाई गुना का इजाफा हो सकता है। इसका मतलब है कि मौजूदा बेसिक मिनिमम बेसिक सैलरी 18 हजार रुपए से बढ़कर 55 से 56 हजार रुपए तक हो सकती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जब देश में पहला आयोग आया था केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक मिनिमम सैलरी 55 रुपए थी। आइए जानते हैं कि पहले वेतन आयोग से लेकर 7वें वेतन आयोग तक सैलरी स्ट्रक्चर में कितना बदलाव हो चुका है।
पहला वेतन आयोग (मई 1946 से मई 1947)
चेयरमैन : श्रीनिवास वरदाचार्य
खास बात : भारत की आजादी के बाद वेतन संरचना को तर्कसंगत बनाने पर ध्यान दिया गया जीविका पारितोषिक की अवधारणा पेश
न्यूनतम वेतन : 55 रुपए प्रति माह
अधिकतम वेतन : 2,000 रुपए प्रति माह
लाभार्थी : लगभग 15 लाख कर्मचारी
दूसरा वेतन आयोग (अगस्त 1957 से अगस्त 1959)
अध्यक्ष : जगन्नाथ दास
खास बात : अर्थव्यवस्था और जीवन-यापन की लागत को संतुलित करने पर ध्यान दिया गया।
न्यूनतम वेतन : 80 रुपए प्रति माह की सिफारिश की गई।
खास बात : समाजवादी प्रतिरूप को अपनाया गया।
लाभार्थी : लगभग 25 लाख कर्मचारी।
तीसरा वेतन आयोग (अप्रैल 1970 से मार्च 1973)
अध्यक्ष : रघुबीर दयाल
न्यूनतम वेतन : 185 रुपए प्रति माह की सिफारिश की गई।
खास बात : सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच वेतन समानता पर जोर दिया गया वेतन संरचना में असमानताओं को दूर किया।
लाभार्थी : लगभग 30 लाख कर्मचारी
चौथा वेतन आयोग (सितंबर, 1983 से दिसंबर, 1986)
चेयरमैन : पीएन सिंघल
न्यूनतम वेतन : 750 रुपए प्रति माह की सिफारिश की गई।
खास बात : सभी रैंक में वेतन में असमानताओं को कम करने पर ध्यान दिया गया। प्रदर्शन से जुड़ी वेतन संरचना पेश की गई।
लाभार्थी : 35 लाख से अधिक कर्मचारी
पांचवां वेतन आयोग (अप्रैल, 1994 से जनवरी, 1997)
चेयरमैन : न्यायमूर्ति एस. रत्नावेल पांडियन
न्यूनतम वेतन : 2,550 रुपए प्रति माह की सिफारिश की गई।
खास बात : वेतनमान की संख्या कम करने का सुझाव दिया सरकारी दफ्तर को आधुनिक बनाने पर ध्यान।
लाभार्थी : लगभग 40 लाख कर्मचारी
छठा वेतन आयोग (अक्टूबर, 2006 से मार्च, 2008)
चेयरमैन: न्यायमूर्ति बीएन. श्री कृष्ण
न्यूनतम वेतन: 7,000 प्रति माह
अधिकतम वेतन: 80,000 रुपए प्रति माह
खास बात : पे बैंड और ग्रेड पे पेश किया गया। प्रदर्शन संबंधी प्रोत्साहन पर जोर।
लाभार्थी : लगभग 60 लाख कर्मचारी
7वां वेतन आयोग (फरवरी, 2014 से नवंबर, 2016)
अध्यक्ष: न्यायमूर्ति एके माथुर
न्यूनतम वेतन : 18,000 रुपए प्रति माह तक बढ़ाया गया।
अधिकतम वेतन : 2,50,000 रुपए प्रति माह
खास बात : ग्रेड पे सिस्टम की जगह नये पे मैट्रिक्स की सिफारिश की गई. भत्तों और कार्य-जीवन संतुलन पर ध्यान दिया गया।
लाभार्थी : एक करोड़ से अधिक (पेंशनहोल्डर्स के साथ)