खन्ना के प्राचीन शिवपुरी मंदिर में 15 अगस्त को चोरी करने व शिवलिंग खंडित करने का मामला सामने आया था। वहीं, अब घटना के 4 आरोपियों को पकड़ लिया गया है। उनके पास से चोरी की गई चांदी भी बरामद हुई है।
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने इसकी पुष्टि की। इंटरस्टेट गैंग के इन आरोपियों को को पकड़ने में पंजाब, चंडीगढ़, उत्तराखंड और लखनऊ पुलिस का भी सहयोग रहा।
तमिलनाडु और तेलंगाना में करनी थी वारदात
डीजीपी ने जानकारी देते हुए बताया कि इन आरोपियों ने तमिलनाडु और तेलंगाना में बड़ी वारदात करनी थी। बताया जा रहा है कि यह गैंग कई सालों से चोरियां करता आ रहा है। ये गुरुद्वारा साहिब या मंदिरों को अपना निशाना बनाते हैं। एक- दो दिन पहले रेकी करते हैं। माथा टेकने भी जाते हैं फिर रात को मौका देख चोरी करते हैं।
खन्ना में 13 या 14 अगस्त को आए
जानकारी के मुताबिक, पकडे़ गए आरोपी पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में सक्रिय थे। खन्ना में 13 या 14 अगस्त को आए थे। एक दिन पहले एक आरोपी ने मंदिर में जाकर माथा टेका और अंदर से रेकी की। बाकी ने बाहर से रेकी की। 15 अगस्त तड़के इन्होंने वारदात को अंजाम दिया। इनका मकसद सिर्फ मंदिर में चोरी करना था।
नेशनल हाईवे पर लगाया था धरना
बता दें कि इस मामले में हिंदू संगठनों की ओर से नेशनल हाईवे पर धरना लगाया था। इस धरने में पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व लुधियाना से एमपी अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल भी पहुंचे थे। राज्य में लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल खड़े किए थे।
26 अगस्त को पुलिस को दिया था अल्टीमेटम
इसके बाद डीआईजी धनप्रीत कौर ने मौके पर आकर 3 दिनों का समय मांगा था और एसएचओ को सस्पेंड कर दिया था। 18 अगस्त के अल्टीमेटम से एक दिन पहले कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा मंदिर में आए थे और विश्वास दिलाया था कि पंजाब सरकार की प्राथमिकता ही आरोपियों को पकड़ना है। इसके बाद 19 अगस्त को हिंदू संगठनों की मीटिंग में पुलिस को 26 अगस्त तक का अंतिम अल्टीमेटम दिया गया था।