First suspected death due to GBS syndrome in Solapur, Maharashtra, 19 new cases : महाराष्ट्र के सोलापुर में उस व्यक्ति की मौत हो गई जिसके तंत्रिका संबंधी विकार 'गुइलेन-बैरे सिंड्रोम' से पीड़ित होने का संदेह था। 26 जनवरी को जीबीएस के 19 नए संदिग्ध मामले सामने आए। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक गुलियन-बैरे सिंड्रोम से अब तक कुल 101 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 81 मरीज पुणे से, 14 पिंपरी चिंचवाड़ और छह मरीज अन्य जिलों से हैं। गुइलेन बैरे सिंड्रोम एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसका इलाज संभव है। फिलहाल, पुणे में 16 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। इन मरीजों में 19 बच्चे हैं, जिनकी उम्र 9 साल से कम है। वहीं, 50 से लेकर 83 साल की उम्र के 23 मरीज हैं।
GBS गंभीर स्वास्थ्य समस्या
GBS एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से परिधीय तंत्रिका तंत्र के हिस्से पर हमला करती है। इससे तंत्रिका सूजन होती है जो मांसपेशियों की कमजोरी या पक्षाघात और अन्य लक्षणों का कारण बनती है। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी शामिल हैं। चिकित्सकों ने बताया कि आम तौर पर जीवाणु और वायरल संक्रमण जीबीएस का कारण बनते हैं क्योंकि वे रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करते हैं।
68 पुरुष और 33 महिलाएं
राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा, 'पुणे में जीबीएस के कुल मामलों की संख्या बढ़कर रविवार को 101 हो गई। संक्रमित लोगों में 68 पुरुष और 33 महिलाएं शामिल हैं। इनमें से 16 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। सोलापुर में एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली है जिसके संक्रमित होने का संदेह था।'इस बीच, त्वरित प्रतिक्रिया दल (आरआरटी) और पुणे नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी प्रभावित सिंहगढ़ रोड के इलाकों में संक्रमण के मामलों पर नजर रखे हुए हैं।
जीबीएस एक दुर्लभ विकार
अधिकारी ने बताया कि अब तक कुल 25,578 घरों का सर्वेक्षण किया गया है, जिनमें पुणे नगर निगम सीमा में आने वाले 15,761 घर, चिंचवड नगर निगम सीमा में आने वाले 3,719 घर और जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले 6,098 घर शामिल हैं। जीबीएस एक दुर्लभ विकार है, जिसमें शरीर के हिस्से अचानक सुन्न पड़ जाते हैं और मांसपेशियों में कमजोरी हो जाती है। इसके साथ ही इस बीमारी में हाथ पैरों में गंभीर कमजोरी जैसे लक्षण भी होते हैं।