GST काउंसिल की आज 53वीं मीटिंग हुई। इस मीटिंग में दूध के डिब्बों और सोलर कुकर पर 12% टैक्स लगाने का फैसला किया गया। मीटिंग में GST अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए डिमांड नोटिस के लिए ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा फेक इनवॉइस पर रोक लगाने के लिए पूरे देश में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन लागू किया जाएगा
GST मीटिंग के 5 अहम फैसले
- मिल्क केन्स यानी दूध के सभी तरह के डिब्बों पर एक समान 12% की दर तय की गई
- फायर स्प्रिंकलर्स समेत सभी प्रकार के स्प्रिंकलर्स पर 12% टैक्स
- सभी सोलर कुकर पर 12% GST
- कार्टन बॉक्स पर 12% GST, पहले ये 18% था
- रेलवे की सर्विसेज जैसे बैटरी ऑपरेटेड व्हीकल और इंट्रा-रेलवे सर्विसेज GST से मुक्त
डिमांड नोटिस पर ब्याज और जुर्माना माफ किया जाएगा
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अपीलेट अथॉरिटी के समक्ष अपील दायर करने के लिए अधिकतम राशि 25 करोड़ रुपए से घटाकर 20 करोड़ रुपए CGST प्री-डिपॉजिट कर दी जाएगी। छोटे टैक्सपेयर्स की मदद के लिए काउंसिल ने 2024-25 के लिए रिटर्न दाखिल करने के लिए GSTR4 के लिए 30 जून की तारीख की सिफारिश की गई।
रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट अब GST के दायरे से बाहर
भारतीय रेलवे की ओर से आम आदमी को दी जाने वाली सेवाओं को GST के दायरे से बाहर रखने की सिफारिश की है। इसमें प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री, रिटायरिंग रूम और वेटिंग रूम की सुविधा, बैटरी चालित कार जैसी सेवाएं शामिल हैं। इसके अलावा इंट्रा-रेलवे सप्लाई को भी GST से छूट दी जा रही है।
पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने का इरादा: वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि केंद्र सरकार का इरादा पेट्रोल, डीजल को GST के दायरे में लाने का है। इसके लिए किसी संशोधन की जरूरत नहीं है। राज्यों को इसमें शामिल होकर फ्यूल्स पर GST दर तय करने की जरूरत है। रेट को तर्कसंगत बनाने के लिए एक मंत्रियों के समूह (GoM) का गठन हुआ है, जो अगस्त में GST परिषद को रिपोर्ट देगा।