Enemies who attack India will be completely destroyed : हाल के समय दुनिया के कई बड़े देशों ने अपनी सैन्य ताकत में इजाफा किया है। भारत इसमें शामिल है। भारत अपनी तीनों सैनाओं को अत्याधुनिक हथियारों से लेस कर रहा है। वहीं इस वक्त दुनिया में दो युद्ध चल रहे हैं। एक तरफ रूस और यूक्रेन एक दूसरे पर जमकर मिसाइलों से हमले कर रहे हैं। तो वहीं मीडिल ईस्ट में इजरायल अकेले दम पर गाजा, ईरान और लेबनान में मौत बनकर बरस रहा है। इन दोनों ही जंगों में कई नए सवाल खड़े हुए हैं। जैसे की आपको याद होगा ईरान इजरायल एक साथ कई सारी मिसाइलों से हमला कर दिया था। अगर भविष्य में भारत पर ऐसा कोई हमला होता है तो क्या भारत इससे खुद को बचा पाएगा। चलिए जानते हैं ऐसे हमलों से बचने के लिए भारत के पास कौन से हथियार हैं।
एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम
भारत ने युद्ध स्तर पर एडवांस एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम विकसित किए हैं या फिर विदेशों से खरीदे हैं। इनमें स्वदेशी पृथ्वी एयर डिफेंस (PAD) और एडवांस एयर डिफेंस (AAD) शामिल है। ये एयर डिफेंस सिस्टम बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर मार गिराने में सक्षम है। जहां पृथ्वी एयर डिफेंस वायुमंडल के बाहर से आने वाले खतरों से निपटता है। तो वहीं एडवांस एयर डिफेंस वायुमंडल के अंदर के खतरों को तबाह कर देता है।
आकाश मिसाइल सिस्टम
भारत में ही बनाया गया आकाश मिसाइल सिस्टम धरती से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है। इसका डिजाइन बैलिस्टिक मिसाइल से निपटने के लिए किया गया है। आसमान से आने वाले खतरों को 30 किलोमीटर ऊपर ही खत्म करने में ये मिसाइल सिस्टम सक्षम है।
एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम
भारत ने अपने करीबी दोस्त रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी खरीदा है। ये हवाई खतरों का खात्मा करने में सबसे ज्यादा असरदार है। एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम का लोहा अमेरिका समेत उसके कई साथी देश मानते हैं। एस-400 के तीन स्क्वॉड्रन भारत को मिल चुके हैं और ये 400 ि दूर और 30 किमी की ऊंचाई पर दुश्मन की मिसाइलों को तबाह कर सकते हैं।
बराक-8 मिसाइल सिस्टम
इन सबके अलावा भारतीय वायुसेना ने साल 2021 में बराक-8 मिसाइल को अपने बड़े में शामिल किया था। जो मध्यम रेंज की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. यह दुश्मन के फाइटर जेट्स, मिसाइलें, हेलिकॉप्टर और यूएवी को तबाह कर सकती है। इन सभी एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम के बदौलत भारत का एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम पूरी तरह चाक-चौबंद है। इसके बावजुद DRDO और प्राइवेट कंपनी लगातार डिफेंस सिस्टम को और एडवांस बनाने में जुटी हुई हैं ।