पीरियड्स महिलाओं में होने वाला एक नेचुरल प्रोसेस है जो महिलाओं में गर्भ धरण करने के लिए बहुत जरूरी होता है। हालांकि ये पीरियड्स हर महीने महिलाओं को नॉर्मली 5 से 6 दिन तक होता है। इस बीच महिलाएं काफी परेशानियों का सामना भी करती हैं जैसे पेट में बहुत ज्यादा दर्द होना, बॉडी पेन और मूड सविंग्स आदि।
हालांकि कई महिलाओं को पीरियड्स के समय बहुत ज्यादा ब्लीडिंग भी होती है। जिन्हें अक्सर वे नॉर्मल समझकर इग्नोर कर देती हैं। लेकिन क्या आपको पता है जिसे आप नॉर्मल समझकर इग्नोर कर रहीं हैं वो एक गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
वहीं इस बीमारी का नाम एंडोमेट्रियोसिस है। आइए जानते हैं एंडोमेट्रियोसिस क्या है और इसका समय रहते इलाज करवाना क्यों जरूरी है।
क्या है एंडोमेट्रियोसिस
एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी कंडीशन है जो महिलाओं के गर्भाशय यानी Uterus में होता है। जिसमें एंडोमेट्रियल टिशूओं में असामान्य बढ़ोतरी होने लगती है और वह गर्भाशय से बाहर फैलने लगते हैं। इस बीमारी में पैल्विक दर्द, प्रजनन संबंधी समस्याएं और विशेष रूप से, असामान्य पीरियड्स ब्लीडिंग शामिल है।
एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण
कई महिलाओं को पीरियड्स के समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन उन्हें अत्यधिक या अनियमित ब्लीडिंग होने की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। बता दें कि अगर आपको ऐसे पीरियड्स हो रहे हैं जिसमें हर घंटे या दो घंटे में पैड या टैम्पोन बदलने की जरूरत पड़ रही है, खून के बड़े थक्के निकल रहे हैं, या एक सप्ताह से अधिक समय तक पीरियड्स हो रहे हैं तो ये एंडोमेट्रियोसिस का संकेत हो सकता है।
ऐसे में आप इन लक्षणों को भूलकर भी नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से सालह लें।
कितनी महिलाओं को होता है एंडोमेट्रियोसिस
बता दें कि एंडोमेट्रियोसिस की प्रॉब्लम महिलाओं में चिंता का विषय इसलिए बनता जा रहा है क्योंकि यह पीरियड्स के दौरान लगभग 10 में से 1 महिला को प्रभावित करता है। वहीं गर्भाशय के बाहर टिशू की असामान्य वृद्धि से उसमें सूजन और घाव बन सकता है।
परिणामस्वरूप आपकी पीरियड साइकल बिगड़ जाती है जिससे अनियमित और भारी ब्लीडिंग की समस्या होने लगती है। ऐसे में आपको डॉक्टर से मिलना बहुत जरूरी है ताकि डॉक्टर समय रहते आपकी शारीरिक जांच करके इस बीमारी का पता लगा सके।
हालांकि डॉक्टर इस बीमारी का पता लगा के आपके इलाज के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सलाह देते हैं।
इस बीमारी का इलाज कराना क्यों जरूरी है
दरअसल एंडोमेट्रियोसिस की वजह से महिलाओं में बांझपन की समस्या से काफी ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये बीमारी महिला की प्रजनन क्षमता को काफी ज्यादा परभवित करता है।
इसलिए समय रहते इस बीमारी का पता लगाना और इलाज करवाना बेहद जरूरी हो जाता है। समय पर इलाज न करवाने से महिला को बांझपन की समस्या से गुजरना पड़ सकता है।
इसलिए यदि किसी को पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होता है तो उन्हें इग्नोर करने की बजाये तुरंत डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।