खबरिस्तान नेटवर्क: म्यांमार में आए बेहद ही शक्तिशाली भूकंप ने शहर में भयानक तबाही मचाई है। 7.7 तीव्रता के ताकतवर भूकंप से अब तक 20 लोगों की मौत हुई, जबकि 300 लोग घायल हैं। इसके झटके भारत, थाईलैंड, बांग्लादेश और चीन समेत 5 पांच देशों में महसूस किए गए। वहीं, थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में अंडर कंस्ट्रक्शन 30 मंजिला इमारत गिर गई। इस साइट पर 400 लोग काम कर रहे थे। इनमें से 80 लोग लापता हैं, जबकि 3 लोगों की मौत हुई है।
बैंकॉक में इमरजेंसी लागू
बैंकॉक में इमरजेंसी लागू कर दी गई है। बैंकॉक में भूकंप के झटके महसूस करने के बाद लोग सड़कों पर भागने लगे। बताया जा रहा है कि म्यांमार के सुदूर इलाके में भी बड़ा नुकसान हुआ ह। म्यांमार में एक नदी पर बना हुआ पुल भी भूकंप में भरभरा गया। शुरुआत से लेकर अंत तक पूरा पुल मलबे के ढेर में बदल गया। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हो रही हैं।
इमारतें एक झटके में मलबे के ढेर में बदली
म्यांमार की एजेंसियों ने बचाव अभियान भी शुरु कर दिया है और शहरी क्षेत्रों से ही अभी जानकारी मिल पा रही है। म्यांमार के अलावा बैंकॉक की इमारतों को भी बहुत नुकसान हुआ है। भूकंप के कारण सड़कें भी फट गई हैं और कुछ बनने वाली इमारतें एक झटके में ही मलबे के ढेर में बदल गई है।
भारत और दक्षिण-पश्चिम चीन समेत 5 देशों में भूकंप
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के अनुसार, मध्य म्यांमार में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। इस भूकंप का केंद्र सागाइंग शहर से 16 किमी (10 मील) उत्तर-पश्चिम में 10 किमी की गहराई पर था। वही इस भूकंप का असर म्यांमार, थाईलैंड, बांग्लादेश, भारत और दक्षिण-पश्चिम चीन समेत 5 देशों में असर देखा गया।
यहां के कई इलाकों में तेज झटके महसूस किए गए। भारत में कोलकाता, इंफाल, मेघालय और ईस्ट कार्गो हिल में इसके झटके महसूस किए गए। बांग्लादेश में ढाका, चटगांव समेत कई हिस्सों में 7.3 तीव्रता के झटके आए। म्यांमार में 12 मिनट बाद फिर 6.4 तीव्रता का आफ्टरशॉक आया।
भूकंप से तबाही पर बोले पीएम मोदी
भूकंप के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जताई और सोशल मीडिया पर इस संकट की घड़ी में प्रभावित देशों के साथ भारत की पूर्ण सहानुभूति व्यक्त की। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, मैं सभी की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत ने सभी संभव सहायता प्रदान करने का वचन दिया है। इस संदर्भ में, भारतीय अधिकारियों को तैयार रहने के लिए कहा गया है। साथ ही, विदेश मंत्रालय (MEA) से म्यांमार और थाईलैंड सरकारों के संपर्क में रहने के लिए कहा गया है।