रिपोर्ट/शंकर गुज्जर : शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर कुछ महीने से पुलिस सख्ती नहीं कर पा रही है। ड्रंक एंड ड्राइव और ओवर स्पीड के चलते कई बड़े हादसे हो चुके हैं। इन हादसों में कई लोग अपनी जान गवां चुके हैं। पुलिस सख्ती करे भी कैसे, उनके पास शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की जांच के लिए एल्कोमीटर ही नहीं हैं। कमिश्नरेट पुलिस को कुल 50 एल्कोमीटर दिए गए हैं, उनमें से अधिकतर खराब पड़े हैं। जो चल भी रहे हैं, उनके लिए पूरा साजो सामान नहीं मिल पा रहा है। यही कारण है कि पुलिस ने एल्कोमीटर से पिछले 10 महीने में सिर्फ 328 चालान ही काटे हैं। जिसमें जून महीने में सबसे अधिक 76 चालान काटे गए।
रात 8 बजे के बाद इस्तेमाल नहीं हो पा रहे एल्कोमीटर
ट्रैफिक पुलिस सुबह 8 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक अपनी ड्यूटी तो निभा रही है, लेकिन 8 बजे के बाद न तो सिटी में दाखिल होने वाले और न ही शहर के अंदरूनी हिस्सों में वाहन चालकों की जांच एल्कोमीटर से की जा रही है। अक्टूबर महीने में केवल जालंधर शहर में 10 के करीब जो एक्सीडेंट हुए हैं उसमें प्रमुख कारण शराब ही सामने आई है।
50 मशीनें, काम की कोई नहीं
ट्रैफिक पुलिस के पास कुल 50 एल्कोमीटर मशीनें हैं। इनमें से 22 मशीनें ट्रैफिक पुलिस को दी गई हैं और 28 मशीनें 14 थानों को सौंपी गईं हैं। प्रत्येक थानों को दो- दो मशीनें मिली हैं। लेकिन इन मशीनों में से ज्यादातर मशीनें खराब पड़ी हैं। इन मशीनें से ट्रैफिक पुलिस ने ही पिछले 6 महीने में 190 चालान काटे हैं, जबकि थाना पुलिस ने कोई चालान नहीं काटा है। पुलिस अधिकारी भी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जून में सबसे ज्यादा 76 चालान कटे
ट्रैफिक पुलिस ने 190 चालान में से मई में 14, जून में 76, जुलाई में 31, अगस्त में 23, सितंबर में 14, अक्तूबर में 12 चालान काटे हैं।
कोरोना में इस्तेमाल न होने से खराब हुए एल्कोमीटर : एडीसीपी चाहल
ADCP कवलप्रीत सिंह चाहल का इस मामले में कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान और बाद करीब ढाई साल से इन एल्कोमीटरों का इस्तेमाल नहीं किया गया। जिसकी वजह से अधिकतर खराब हो गए हैं। उच्चाधिकारियों को इनको ठीक करवा कर देने के लिए लिखित में कहा गया है। 1 जनवरी 2023 से लेकर अक्तूबर 2023 तक ड्रंकन ड्राइव के कुल 328 चालान काटे गए हैं, क्योंकि ज्यादातर ड्रंकन ड्राइव के मामले सर्दियों में होते हैं। यह अच्छी बात है कि इन केसों में कमी आई है।
शराब के नशे में ड्राइविंग, कईयों ने गंवाई जान
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बीते कुछ दिनों में कई सड़क हादसे हुए। जिसका प्रमुख कारण शराब पीकर गाड़ी चलाना और तेज रफ्तार था।
-5 नवंबर को पति और पति नशे की हालत मे रेलवे स्टेशन के पास गाड़ी चला रहे थें। अचानक गाडी के साथ हादसा हो गया। जिससे बाद दोनों को सिविल अस्पताल ले जाया गया।
-2 नवंबर को जालंधर-फगवाड़ा रोड पर कार और टिप्पर की आपसी टक्कर में एक व्यक्ति की मौत हो गई। उसने भी शराब पी रखी थी।
-22 अक्टूबर को जालंधर-अमृतसर रोड पर पठानकोट चौक के पास ट्रक ड्राईवर ने नशे की हालत में व्यक्ति को कुचल दिया।
-17 अक्टूबर को नकोदर रोड पर कार और ट्राली की टक्कर में तीन दोस्तों ने अपनी जान गवा दी। जब कार की चैकिंग की गई तो कार में से शराब और बियर की बोतलें मिली। उन्होंने भी ड्रिंक कर रखी थी, ऐसा दावा किया जा रहा है।
पंजाब में नरमी दूसरे राज्यों में है सख्ती
ड्रंक एंड ड्राइव को पंजाब के मुकाबले अन्य राज्य गंभीर हैं। पंजाब पुलिस इस तरह ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही है। चंडीगढ़ और दिल्ली में रात के समय वाहन चालकों का एल्कोहल टेस्ट हो रहा है। पुलिस लगातार चालान भी काट रही है। जिसकी वजह से वहां हादसों में कमी आई है। अगर शराब मीटर में आती है तो उसका चालान काटा जाता है। आरोप लग रहे हैं कि एल्कोमीटर से शराब की जांच न होने के कारण पुलिस भी क्रप्शन कर शराबी चालकों पर कार्रवाई नहीं कर रही है।
पुलिस को लेने चाहिए नई तकनीक वाले एल्कोमीटर
हरियाणा पुलिस ने अपनी टीम को नई तकनीक से लैट एल्कोमीटर लेकर दिए हैं। इनकी कीमत 40 हजार रुपए है और 50 हजार चालान का डाटा स्टोर करने की इनकी क्षमता है। इसमें जिनका ड्रंकन ड्राइव के कारण चालान काटा गया है। अगर दोबारा वही वाहन चालक फिर से शराब पीकर गाड़ी चलाता पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
ये ऐसे कर रहा है काम
इन नए एल्कोमीटर से सैंपल लेना भी मुश्किल नहीं है। इसमें दो मोड बटन होते हैं। एक्टिव मोड में व्यक्ति के सांस का सैंपल लिया जाता है जबकि पैसिव मोड में मशीन सैंपल में की जांच करके रिजल्ट बताती है। जिससे यह पता चलता है कि उस व्यक्ति के शरीर में अल्कोहल की कितनी मात्रा है। अगर अल्कोहल की मात्रा तय से अधिक पाई जाती है तो मशीन से वायरलैस प्रणाली से जुड़े प्रिंटर से चालान प्रिंट हो कर बाहर आ जाएगा।
यह है जुर्माना
एल्कोमीटर से वाहन चालकों के सांस का सैंपल लिया जाता है। अगर एल्कोमीटर में 30 एमजी तक शराब की मात्रा दर्शाई जाती है तो वाहन चालक को केवल दोबारा शराब पीकर वाहन नहीं चलाने का निर्देश देकर छोड़ दिया जाता है। जबकि अगर 30 एमजी से लेकर 100 एमजी तक की मात्रा दर्शाई जाती है तो वाहन चालक को 2 हजार रुपए का जुर्माना होता है। यही नहीं अगर मात्रा 100 एमजी से अधिक हुई तो वाहन तो इंपाउंड होता ही वाहन चालक की गिरफ्तारी भी होती है।