दिल्ली में इंडियन नेशनल कांग्रेस की इलैक्शन कमेटी मीटिंग रविवार आज सुबह शुरू हुई। जिसमें पंजाब की 7 सीटों पर उम्मीदवारों पर चर्चा की गई। वहीं इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि कांग्रेस आज शाम तक कुछ सीटों पर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर सकती है।
जानकारी मुताबिक इस मीटिंग के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी मौजूद रहे। इनके अलावा पंजाब के इंचार्ज देवेंद्र यादव, पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और नेता प्रताप सिंह बाजवा मौजूद रहे हैं। जिन्होंने पंजाब की 7 सीटों को लेकर प्रेजेंटेशन INC प्रमुख व सोनिया गांधी के सामने दिया है।
इन सीटों पर इन नामों की चर्चा
कांग्रेस की श्री आनंदपुर साहिब सीट से मौजूदा सांसद मनीष तिवारी को चंडीगढ़ भेजरने के बाद यहां अब 2 नामों पर चर्चा हुई है। जिसमें राणा गुरजीत के बेटे राणा इंद्र प्रताप सिंह और अंबिका सोनी के नाम शामिल है। वहीं लुधियाना से भारत भूषण आशू के नाम पर विचार किया गया।
राजा वडिंग की पत्नी यहां से लड़ सकती है चुनाव
वहीं इसके अलावा गुरदासपुर से पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के नाम पर हाईकमान ने संतुष्टि जाहिर की है। राजा वडिंग की पत्नी अमृता वड़िंग को फिरोजपुर से चुनाव लड़ने पर भी विचार चल रहा है।
6 उम्मीदवारों का कर चुकी है ऐलान
आपको बता दें कि अभी तक पंजाब की 6 सीटों पर ही कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। जिसमें 2 पूर्व सांसद अमृतसर से गुरजीत औजला व फतेहगढ़ साहिब से डॉ. अमर सिंह की टिकट रिपीट की गई है। इनके अलावा बठिंडा से अकाली दल छोड़ दोबारा कांग्रेस में लौटे जीत तोहिंदर सिद्धू, जालंधर से पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, संगरूर से सुखपाल खैहरा और पटियाला से डॉ. धर्मवीर गांधी को उतारा गया है।
अगर 2019 लोकसभा चुनावों की बात करें तो कांग्रेस ने 8 सीटों पर जीत हासिल की थी। जिसमें 40.12 प्रतिशत वोट प्राप्त करने में सफल रही थी। जबकि सिर्फ 2 सीटों पर जीत प्राप्त करने वाली अकाली दल ने 27.45% वोट हासिल कर लिए थे।
इस बार कांग्रेस के हालात बदलते दिख रहे
लेकिन इस बार हालात कुछ बदलते दिख रहे हैं। 8 में से 2 सांसद परनीत कौर(पटियाला) और रवनीत सिंह बिट्टू(लुधियाना) चुनावों से पहले पार्टी छोड़ भाजपा में जा चुके हैं। बीते दिन पूर्व सांसद स्वर्गीय संतोख चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी को टिकट नहीं दिया गया वह भी भाजपा में शामिल हो गया। लेकिन विक्रम चौधरी ने कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया।