कपूरथला में गोइंदवाल साहिब के पास ब्यास दरिया में छलांग लगा आत्महत्या करने वाले ढिल्लों ब्रदर्स को लेकर एक बार फिर से माहौल गर्मा गया है। ढिल्लों ब्रदर्स के परिवार और दोस्तों को राजीनामे की कॉल्स आ रही हैं और ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि एसएचओ नवदीप सिंह के साथ परिवार ने राजीनामा कर लिया है।
लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इस बात को लेकर ढिल्लों ब्रदर्स के दोस्त मानवदीप सिंह ने प्रैस कांफ्रेंस करके खुलासा किया है कि ऐसी कोई भी बात एसएचओ नवदीप सिंह के परिवार के साथ व अन्य के साथ नहीं हुई है। जिसमें राजीनामा हुआ है।
राजीनामे की बात भूल जाएं
मानवदीप सिंह ने कहा कि अगर आरोपियों के परिवारिक मैंबरों ने बात करनी भी है तो जश्नबीर सिंह और मानवजीत सिंह के पिता के साथ कर सकते हैं। राजीनामे की बात तो भूल ही जाएं सभी। क्योंकि जो नुकसान परिवार को हुआ है। उसका खमियाजा तो अब भुगतना ही पड़ेगा।
क्योंकि जिस तरह से थाने में एसएचओ ने दोनो भाईयों के साथ बदमीजी और मारपीट की। उससे परेशान होकर दोनो ने आत्महत्या कर ली। जिसमे से एक भाई की बॉडी मिल गई है और दूसरे की बाकी है। वहीं मंगलवार को नवदीप सिंह की सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत लगी हुई है।
295ए धारा भी नहीं लगाई गई
मानवदीप सिंह ने कहा कि पुलिस आज भी बर्खास्त एसएचओ नवदीप सिंह को बचाने में लगी हुई है। जिस तरह से जश्नबीर सिंह की पगड़ी उतारी गई थी और उसने छलांग लगाने के दौरान दरिया के किनारे पर अपनी पगड़ी उतार दी थी।
इस बात से साफ जाहिर होता है कि मरने वाला कितना दुखी थी। लेकिन पुलिस ने एफआईआर में 295 ए धारा जोड़ी नहीं है। एसएचओ नवदीप सिंह की पत्नी उनके पास आई थी और मिली थी। लेकिन कोई ऐसी राजीनामे वाली बात उनकी तरफ से नहीं की गई।
जानिए क्या है पूरा मामला
16 अगस्त को जालंधर के थाना डिवीजन नंबर-1 में परिवारिक मामले को सुलझाने के जश्नबीर सिंह और मानवजीत सिंह ढिल्लों गए थे। इसी दौरान पुलिस ने लड़की वालों को थाने से बाहर निकाल दिया था। लेकिन थोड़ी देर में पुलिस कर्मचारी को भेजकर मानवजीत को अंदर बुलाया था। इसी दौरान मानवजीत के जोर-जोर से चिल्लाने की आवाजें सुनाई देने लगी। जब परिजनों ने अंदर जाकर देखा तो उसकी पगड़ी की तौहीन कर उसी पीटा जा रहा था।
पुलिस वालों का कहना है कि मानवजीत ने महिला कॉन्स्टेबल जगजीत कौर के साथ बदसलूकी की थी। जगजीत कौर की शिकायत पर अधिकारियों से डिस्कस करने के बाद मानवजीत के खिलाफ हो-हल्ला करने का मामला दर्ज कर उसे हवालात में बंद किया था।