पंजाब में 15 अक्टूबर को होने वाले पंचायत चुनाव को 3 हफ्ते के लिए स्थगित करने की मांग कांग्रेस ने राज्य चुनाव कमिश्नर से की है। सोमवार को कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव कमिश्नर राज कमल चौधरी से मुलाकात की और एक पत्र सौंपा है। कांग्रेस नेताओं का आरोप था कि चुनाव में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ है।
3 हफ्ते तक स्थगित करने की मांग
कांग्रस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि हम चुनाव कैंसिल करने की मांग नहीं कर रहे हैं। हमने तीन हफ्ते तक सारी चुनाव प्रक्रिया को स्थगित करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं ने फेक बैलेट पेपर छाप लिए हैं।
चुनाव प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी समेत कई चीजें उठाई गई है। वहीं, आम आदमी पार्टी के सांसद मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि कांग्रेस चुनाव स्थगित करवाना चाहती है। कांग्रेस अपनी हार से डरी हुई है। धक्का आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों के साथ हो रहा है। वहीं, राज्य सरकार पंचायती चुनाव निष्पक्ष तरीके से करवाने के लिए सरकार वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरपंच किसी पार्टी का नहीं गांव का होना चाहिए।
क्या लिखा कांग्रेस ने पत्र में ?
कांग्रेस ने पत्र में लिखा है कि पंचायत चुनाव 15 अक्टूबर, 2024 को होने वाले हैं। नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया के दौरान विशेष रूप से अंतिम दिन हिंसक घटनाएं सामने आई हैं। पत्र में लिखा है कई उम्मीदवारों को अपने नामांकन पत्र दाखिल करने में प्रशासनिक बाधाओं का सामना करना पड़ा है। नकोदर नगर परिषद जैसे स्थानों पर कुप्रबंधन ने उम्मीदवारों को समय पर अपने पर्चे दाखिल करने से रोक दिया है।
13,241 ग्राम पंचायतों में चुनाव
पंजाब भर में 13,241 ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव होने हैं। हालांकि, अलग-अलग जिलों से हिंसा और बल प्रयोग की घटनाएं सामने आई हैं। खास तौर पर तरन तारन, मोगा, फिरोजपुर और फाजिल्का आदि जिलों में।
स्थानीय ब्लॉक विकास और पंचायत कार्यालय के बाहर झड़प होने पर पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलानी पड़ी। तरनतारन में भी ऐसी ही घटना हुई। जिसमें 5 लोग घायल हो गए। मोगा से मिली खबरों के अनुसार उम्मीदवारों से नामांकन पत्र फाड़े गए और छीन लिए गए।
पत्र में लिखी गई ये मांगे-
- पंचायत चुनाव तीन सप्ताह के लिए स्थगित करें।
- जो उम्मीदवार हिंसा, जबरदस्ती या प्रशासनिक चूक के कारण अपना नामांकन पत्र दाखिल करने में असमर्थ थे। उन्हें ऐसा करने का एक नया अवसर दिया जाना चाहिए। चुनावी प्रक्रिया में विश्वास बहाल करने के लिए यह महत्वपूर्ण है।
- जिला प्रशासन और पुलिस विभागों को उम्मीदवारों की सुरक्षा की गारंटी देनी चाहिए।
- मई 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए तैयार की गई वोटिंग लिस्ट का यूज पंचायत चुनावों के लिए किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी पात्र मतदाता इसमें शामिल हों और किसी को भी अनुचित रूप से मताधिकार से वंचित न किया जाए।
- आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी स्तरों पर चुनाव अधिकारी निष्पक्ष रूप से कार्य करें और चुनावों के सुचारु संचालन के लिए उचित प्रशासनिक सहायता प्रदान करें। प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए, और किसी भी विचलन को तुरंत संबोधित किया जाना चाहिए।