खबरिस्तान नेटवर्क: जालंधर में देर रात समरावा में बस अड्डड्डे के पास समरा पैलेस के अंदर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की। जहां डीसी हिमांशु अग्रवाल और तहसीलदार की अगुवाई में पुलिस ने एक अवैध नशा छुड़ाओं केंद्र में रेड की। ये नशा केंद्र एक प्राइवेट सेंटर था, जहां मरीजों का इलाज की बजाए उनसे मारपीट की जाती थी। मरीजों का कहना है कि सेंटर में उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता था। इसके साथ ही नशा छुड़ाने की कोई भी इलाज नहीं की गई। बता दें कि अवैध सेंटर की सूचना मिलते ही भारी पुलिस फोर्स के साथ DC हिमांशु अग्रवाल ने यहां रेड की।
102 लोगों को लाया गया सिविल अस्पताल
इस रेड के बाद मरीजों को सिविल अस्पताल में लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उनकी फाइल बनाकर परिजनों से बात करवाई और उसके बाद रिहा किया गया। अब वह अपने परिजनों के पास वापिस जा घर जा रहे है। मामले की जानकारी देते हुए गढ़शंकर के रहने वाले इंद्रपाल ने बताया प्राइवेट सेंटर है, जिसमें 20 से 25 लोगों के रहने की व्यवस्था थी, लेकिन वहां पर 125 लोगों को रखा गया था। छोटे से हाल में नशा छुड़ाने के लिए आए लोगों में से किसी को 8 माह हो गए तो किसी को 2 साल हो गए थे।
पीड़ितों ने सुनाई आपबीती
पीड़ितों ने मामले की जानकारी देते हुए अपनी आपबीती सुनाई। मरीज मंदीप ने बताया कि वह तरनतारन का रहने वाला है। उसे नशा करते 10 से 12 साल हो गए है। उसे एक माह के लिए नशा छुड़ाओं केंद्र में भर्ती करवाया गया था। मगर यहां नशा छुड़वाने की बजाए उन पर अत्याचार किया जाता था। उनका कहना है कि उनसे 15 हजार की फीस ली जाती थी मगर सुविधा 2 हजार से भी कम की दी जाती थी। दरअसल, मरीजों को ना तो ठीक से खाना दिया जाता था और ना ही चाय मिलती थी।
5 से 6 लोग मिलकर पीटते थे
इसके साथ ही जब भी किसी मरीज का परिवार उनसे मिलने आता तो सेंटर उन्हे उनसे मिलने नहीं देते थे। वो कहते थे कि आपके बच्चे की हालत खराब है। इसलिए नहीं मिलवा सकते और वापिस भेज देते थे। इस नशा छुड़ाओं सेंटर में लोगों की ठीक करने की बजाय दिमागी तौर पर काफी परेशान किया जाता था। इस सेंटर का एमडी सुखविंदर सिंह सुखी है। पीड़ित ने बताया कि अगर किसी मरीज ने एक रोटी ज्यादा या कम खा लेता था तो उसे 2 दिन तक दीवार की ओर मुंह करके बैठने की सजा दी जाती थी। इस सेंटर में मरीजो को 12 बजे से 4 बजे तक सोने का समय मिलता था। यहां पर मरीजों द्वारा अगर कोई गलती हो जाती थी तो उसे 5 से 6 लोग मिलकर पीटना शुरू कर देते थे।
पीड़ित ने बताया कि इस सेंटर ने नशा छुड़ाने के लिए कोई चंडीगढ़, अमृतसर, तरनतारन, करतापुर जैसे अन्य जिलों से आया था। इनके 2 से 3 सेंटर थे और वह बंद हो चुके है।
पुलिस की अलग से कार्रवाई जारी
वहीं मामले की जानकारी देते हुए एसीपी आतिश भाटिया ने कहा कि ये सब डिविजन का मामला है। आज नाइट डोमिनेशन के कारण वह सिविल अस्पताल आए है। उन्हें भारी मात्रा में मरीज के आने की सूचना मिली है। लॉ इन ऑर्डर को लेकर वह अस्पताल में आए है। उन्होंने कहा कि पुलिस की अलग से कार्रवाई चल रही है। इस बारे में अधिक जानकारी जांच अधिकारी बता सकते है।