जालंधर वेस्ट में होने वाले उपचुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने शेड्यूल जारी कर दिया है। वहीं आज यहा ज़िला प्रशासकीय कंपलैक्स में पत्रकारों को संबोधन करते हुए ज़िला चुनाव अधिकारी-कम-डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल और ज्वाईंट पुलिस कमिश्नर सन्दीप शर्मा ने बताया कि जालंधर पश्चिमी विधान सभा हलके का उपचुनाव अमन- सुरक्षा, पारदर्शी और उचित ढंग से पूरा करने के लिए सिविल और सुरक्षा के पुख़्ता प्रबंध किए गए है।
ज़िला चुनाव अधिकारी डा. हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि जालंधर पश्चिमी विधान सभा हलके लिए गज़ट नोटिफिकेशन 14 जून को जारी किया जाएगा और नामांकन पत्र दाख़िल करने की आखिरी तारीख़ 21 जून है।
नामांकन पत्र वापिस लेने की आखिरी तारीख 26 जून
डीसी हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि नामांकन 14 से 21 जून तक भरे जा सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 24 जून को की जाएगी जबकि नामांकन पत्र वापिस लेने की आखिरी तारीख 26 जून है। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए मतदान 10 जुलाई को होगा और मतगणना 13 जुलाई को होगी। साथ ही बताया कि उपचुनाव के लिए जालंधर पश्चिमी हलके में चुनाव संहिता पहले ही लागू हो चुकी है और 15 जुलाई तक चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक लागू रहेगा।
ज़िला चुनाव अधिकारी ने बताया कि उपचुनाव के लिए हलके के कुल 1,71, 462 वोटरों, जिनमें 89,360 पुरूष, 82,095 महिला और 7 थर्ड जैंडर वोटर शामिल है। वहीं 181 पोलिंग बूथों पर अपने वोट के अधिकार का इस्तेमाल किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम के मद्देनज़र चुनाव दौरान स्थापित किए जाने वाले पोलिंग बूथों पर पीने वाले पानी, पी.डब्ल्यू.डी. वोटरों के लिए व्हील चेयर और वोटर सुविधा डैस्क आदि की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि विधान सभा हलके में 865 पी.डब्ल्यू.डी. वोटर और 85 साल से अधिक उम्र के 757 वोटर है। इसी तरह 100 साल से अधिक आयु के 6 वोटरों के इलावा 4946 ‘फस्ट टाईम’ वोटर है।
साथ ही आगे बताया कि हलके में वलनरेबल मैपिंग पहले ही की जा चुकी है और इस श्रेणी में 51 पोलिंग स्टेशन आते है। प्रशासन की तरफ से हलके में 18 सैक्टर अधिकारी नियुक्त किए गए है और एक वूमैन पोलिंग स्टेशन और 10 माडल पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।
चुनाव खर्च की सीमा 40 लाख रुपए तक निर्धारित
ज़िला चुनाव अधिकारी ने यह भी बताया कि भारतीय चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों की तरफ से चुनाव खर्च की सीमा 40 लाख रुपए तक निर्धारित की है और खर्च पर सख़्त नज़र रखने के लिए एस.एस.टीज़., वी.वी.टीज़. और उडन दस्ते तैनात किए गए है।
उन्होंने यह भी बताया कि राजनीतिक पार्टियों/ उम्मीदवारों की सुविधा के लिए ज़िला प्रशासकीय कंपलैक्स की ज़मीनी मंजिल पर कमरा नंबर 22 में 'सिंगल विंडो' सिस्टम स्थापित किया गया है, जहा राजनीतिक पार्टियां/ उम्मीदवार मतदान के साथ सम्बन्धित मंजूरी के लिए अप्लाई कर सकते है।
इसके इलावा विधान सभा हलका स्तर पर अलग- अलग मंजूरियों के लिए स्थानीय खालसा कालेज फार वूमैन कैंट रोड के काउंसलिंग रूम में मंजूरी सैल स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि आदर्श चुनाव संहिता ( एम.सी.सी.) की इन्न- बिन्न पालना यकीनी बनाई जाएगी।
लोक आदर्श चुनाव संहिता का उल्लंघन सम्बन्धित अपनी शिकायत सी- विजील एप के द्वारा, ज़िला स्तर और विधान सभा स्तर पर शिकायत सैल और हेल्पलाइन नंबर 1950 पर भी दर्ज करवा सकते है। उन्होंने कहा कि मतदान के साथ सम्बन्धित शिकायतों का निपटारा निर्धारित समय अंदर किया जाएगा।
लेन- देन पर रखी जाएगी सख़्त नज़र
डा. अग्रवाल ने यह भी बताया कि चुनाव प्रक्रिया दौरान बैंकों के लेन- देन और शराब के उत्पादन और भंडारण पर सख़्त नज़र रखी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आदर्श चुनाव संहिता को सख़्ती के साथ लागू किया जाएगा और एम.सी.सी. की उल्लंघना ख़िलाफ़ तुरंत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि 3 वी.एस.टीज़., 2 वी.वी.टीज़., एक लेखा टीम, 9 एफ.एस.टीज़., 9 एस.एस.टीज़., 3 सी- विजिल एफ.एस.टीज़., 6 ई.एस.पी. चुनाव दौरान हलके में बाज़ नज़र रखेंगी।
सुरक्षा बलों की अलग- अलग टीमें तैनात की जाएंगी
सुरक्षा प्रबंधों के बारे में बोलते हुए ज्वाईंट पुलिस कमिश्नर संदीप शर्मा ने बताया कि विधान सभा हलके में सुरक्षा बलों की अलग- अलग टीमें तैनात की जाएंगी। उन्होंने यह भी बताया कि लाईसैंसी हथियार जमा करवाए जा रहे है। इसके इलावा भगौड़े अपराधियों और समाज विरोधी अनसरों की गतिविधियों पर सख़्त नज़र रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि अधिक से अधिक नगदी के साथ ले कर जाने की सीमा 50,000 रुपए है और वोटरों को लुभाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली किसी भी कीमती वस्तु को ज़ब्त कर लिया जाएगा।
इस मौके हलका निवासियों को उपचुनाव दौरान बड़ी संख्या में शमूलियत करने की अपील करते हुए डिप्टी कमिश्नर और ज्वाईंट पुलिस कमिश्नर ने कहा कि ज़िला प्रशासन की तरफ से विधान सभा हलका जालंधर पश्चिमी ( अ.ज.) की उपचुनाव सभ्यक ढंग के साथ करवाने में कोई कमी बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।
आखिरी क्यों चर्चा में है विधानसभा हलका जालंधर वेस्ट
आपको बता दें कि विधायक से पूर्व विधायक हो चुके शीतल अंगुराल के कारण जालंधर वेस्ट सीट पिछले दो साल से सबसे ज्यादा चर्चा में रही है। शीतल का आम आदमी पार्टी की टिकट से लड़ना और जीतना। पूर्व सांसद सुशील रिंकू के साथ दुश्मनी और फिर दोस्ती। विधायकी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होना। इस्तीफा ना मंजूर होना, इस्तीफा वापसी का फैसला और फिर अचानक इस्तीफा मंजूर हो जाना। यही सब कारण है कि जालंधर वेस्ट सीट बहुत खास है।
-2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी प्रत्याशी सुशील कुमार रिंकू के सामने आम आदमी पार्टी की तरफ से शीतल अंगुराल को उतारना और शीतल अंगुराल का भारी मतों से रिंकू को हराकर जीत हासिल करना। शीतल अंगुराल और सुशील रिंकू के बीच 36 का आंकड़ा था। शीतल जीत के बाद रिंकू पर हावी हो गए। जिसकी वजह से यह फाइट पहली बार पंजाब स्तर पर चर्चा में आई।
-2023 के लोकसभा उपचुनाव में फिर से यह सीट हॉट केक बनी, जब आम आदमी पार्टी ने सुशील कुमार रिंकू को आप का प्रत्याशी बना दिया। रिंकू जीत कर सांसद भी बन गए। अबकी बार बाजी पलटी और एक ही पार्टी में सुशील रिंकू शीतल अंगुराल पर हावी हो गए।
-2024 के लोकसभा चुनाव से पहले फिर वेस्ट सीट चर्चा में आई। क्योंकि इस बार सांसद की कुर्सी पर बैठे सुशील रिंकू ने आम आदमी पार्टी की टिकट लौटाकर भाजपा ज्वाइन कर ली और भाजपा से प्रत्याशी बने। सोने पर सुहागा तब हुआ जब शीतल अंगुराल ने भी विधायक पद से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन कर ली और रिंकू के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया। सभी को चौंका दिया। इस उल्टफेर से भी वेस्ट हलका चर्चा में आया।
-2024 लोकसभा चुनाव में वोटिंग के अलगे ही दिन शीतल अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापिस लेने को सरकार को नोटिस दिया। तब एक बार फिर से इस सीट पर बड़ी हलचल हुई। आम आदमी पार्टी ने भी शीतल के इस दांव का जवाब बड़े रोचक ढंग से उनका इस्तीफा मंजूर करके दिया। हालांकि कहा जा रहा है कि इस्तीफा बैकडेट में मंजूर किया गया, लेकिन यही राजनीति है।
-यह सीट इसलिए भी खासी चर्चित रही कि सुशील कुमार रिंकू ने जीतनी बार पार्टियां बदलीं, उतनी ही बार उनके साथ चलने वाले पार्षदों, पूर्व पार्षदों और अन्य नेताओं ने भी पार्टी बदली। सबसे ज्यादा दल बदलने और उल्टफेर का नजारा वेस्ट हलके में ही देखने को मिला।