लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कोड ऑफ कंडक्ट लागू होने से पहले सरकार टोल टैक्स के लिए सैटेलाइट बेस्ड टोल टैक्स शुरू करने पर विचार कर रही है जिसके तहत टोल नाके हटा दिए जाएंगे और ड्राइवरों को सिर्फ उतनी ही दूरी का टोल टैक्स देना होगा जितनी दूर वह चलेंगे। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने राज्यसभा के दौरान यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सरकार टोल टैक्स के लिए दुनिया की बेस्ट टैक्नोलॉजी सैटेलाइट बेस्ड टोल टैक्स लाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव से पहले कोड ऑप कंडक्ट लागू होने से पहले देश में यह व्यवस्था लागू करने का प्रयास है। गडकरी ने कहा कि इस व्यवस्था के तहत टोल नाके हटा दिए जाएंगे। लोगों को कहीं रुकने की जरूरत नहीं होगी।
लोगों के व्हीकल की नंबर प्लेट की फोटो ली जाएगी और जहां से प्रवेश होगा और जहां से निकलेंगे सिर्फ इतनी ही दूरी का टोल टैक्स लिया जाएगा और यह राशि व्हीकल के बैंक अकाउंट से काट ली जाएगी।
परिवहन मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि टोल बूथ से हर दिन एवरेज कलेक्शन से 49 हजार करोड़ रुपए की इनकम होती है। उन्होंने कहा कि फास्ट टैग व्यवस्था का यूज 98.5 प्रतिशत लोगों ने यूज किया है तथा 8.13 करोड़ फास्ट टैग जारी किए गए हैं। इसके तहत हर दिन ऐवरेज कलेक्शन 170 से 200 करोड़ रुपए का रोड टैक्स आता है।
गडकरी ने बनाओ, चलाओ और सौंप दो(बीओटी) प्रोजेक्टस से जुड़े एक सवाल के जवाब में बताया कि जब उन्होंने परिवहन मंत्री का पद संभाला था तब 3 लाख 85 हजार करोड़ रुपए के 406 प्रोजेक्ट्स बंद पड़े थे तथा बैंकों में तीन लाख करोड़ रुपए का NPA (non performing assets) पड़ा था।
बनाओ, चलाओ और सौंप दो (BOT) परियोजना आमतौर पर पब्लिक-प्राइवेट भागीदारी में यूज किया जाने वाला एक मॉडल है। गडकरी ने बताया कि बीओटी के लिए उन्होंने एक नई व्यवस्था पर विचार किया है।