Caller ID will be visible automatically : अब आप आसानी से कॉल करने वाले की पहचान कर सकते हैं। टेलीकॉम कंपनियों ने कॉल करने वाले के नंबर के साथ उसका नाम भी दिखाना शुरू कर दिया है। कंपनियों ने मुंबई और हरियाणा में इसका ट्रायल शुरू किया है। सरकार ने टेलीकॉम कंपनियां को इसे 15 जुलाई तक पूरे देश में लागू करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि ये नाम जो आपको कॉल करते वक्त कंपनियां दिखाएंगी, वह सिम खरीदते वक्त फॉर्म पर दी गई जानकारी के आधार पर होंगी। कंपनी का कहना है कि बढ़ते साइबर फ्रॉड को रोकने के उद्देश्य से यह किया जा रहा है। ट्रूकॉलर जैसे ऐप पर नाम आईडी क्रिएट करने के दौरान दी गई जानकारी के आधार पर दिखाई जाती है। टेलीकॉम कंपनियों को ऐसा करने के लिए दूरसंचार विभाग द्वारा आदेश दिया गया है। इतना ही नहीं यह कदम मोदी सरकार के शुरुआती 100 दिन के एजेंडे में शामिल है।
पहले ये था प्लान
पहले सरकार ने एक ऐसी सर्विस शुरू करने की योजना बनाई थी, जो Truecaller जैसी थी। उस सिस्टम के तहत कॉल करने वाले का नाम तब दिखाया जाता, जब वह किसी से फोन पर बात कर रहा होता। 2022 में दूरसंचार नियामक ने एक परामर्श पत्र जारी किया था, जिसमें इस सिस्टम को लागू करने के तरीके सुझाए गए थे। नियामक ने हितधारकों से प्राप्त इनपुट प्राप्त करने के बाद, लगभग एक साल तक दूरसंचार कंपनियों के संपर्क में रहने के बाद, रिलायंस जियो, वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल जैसे नेटवर्क प्रोवाइडर्स के लिए सिफारिशों को अंतिम रूप दिया।
मिलेगा ये विकल्प
ट्राई के अनुसार, देश भर के नेटवर्क प्रोवाइडर्स को अपने ग्राहक आवेदन पत्र (सीएएफ) में टेलीफोन ग्राहकों द्वारा प्रदान किए गए नाम पहचान का उपयोग करना आवश्यक होगा। इस सिस्टम के तहत सभी सर्विस प्रोवाइडर्स को अनुरोध के मामले में ग्राहकों को यह सुविधा प्रदान करना आवश्यक होगा। संक्षेप में सिस्टम का सुझाव है कि सिम कार्ड खरीदते समय इस्तेमाल किया गया नाम कॉल करते समय दूसरे व्यक्ति को दिखाई देगा। साथ ही, जो व्यवसाय अधिक संख्या में कनेक्शन की मांग करते हैं। उनके लिए ट्राई उन्हें ग्राहक आवेदन पत्र में दिखाई देने वाले नाम के बजाय पसंदीदा नाम दिखाने का विकल्प भी देगा। यानी कंपनी का नाम दिखाया जा सकता है।